चण्डीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़): नशे की बीमारी पर काबू पाने के लिए दवाओं के अनियमित वितरण पर गहरी निगरानी की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से गुरूवार को नशामुक्ति की दवा बुपरीनौरफिन नैलोकसोन की गुम हुई पाँच करोड़ गोलियों की जांच के लिए बनाई तीन सदस्यीय कमेटी को जांच तेज़ करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
29 जून को गठित की गई इस कमेटी में विशेष टास्क फोर्स के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू, फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कमिशनर काहन सिंह पनू और डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं डा. अवनीत कौर शामिल हैं।
नशा मुक्ति और इलाज बुनियादी ढांचे के जायज़े के लिए वीडियो काँफ्रेसिंग के ज़रिये मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री की तरफ से विशेष टास्क फोर्स को नशे के आदी व्यक्तियों के उचित और समय पर इलाज को यकीनी बनाने के लिए ओ.ओ.ए.टी क्लीनकों की पहुँच और व्यापक करने के लिए कहा गया। मौजूदा समय में राज्य में 190 सरकारी ओ.ओ.ए.टी केन्द्रों के अलावा 119 प्राईवेट नशा मुक्ति केंद्र और जेलों में 9 केंद्र अलग हैं। इन केन्द्रों में 1 जुलाई, 2019 से 30 जून, 2020 तक 5,50,907 व्यक्ति इलाज के लिए भर्ती हुए। लॉकडाऊन के कारण नशों और अन्य पदार्थों की सप्लाई टूटने के कारण अप्रैल और मई 2020 महीनों के दौरान इलाज के लिए भर्ती होने की संख्या में काफ़ी विस्तार हुआ।
इन केन्द्रों पर नौजवानों के लिए कौंसलिंग की महत्ता पर ज़ोर देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोवैज्ञानिक सहारा ऐसे नौजवानों के इलाज के लिए अहम सिद्ध होगा।
राज्य में नशे के ख़ात्मे के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जब नशा माफिया की कमर पहले ही तोड़ी जा चुकी है और कई बड़ी मछलियां पकड़ी जा चुकी हैं, ऐसे में सरहद पार से बढ़ रहा नार्को -आतंकवाद चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दूसरे राज्यों से हो रही नशे की तस्करी से निपटना बड़ी चुनौती है। उन्होंने नशों की समस्या से निपटने के लिए समूचे सम्बन्धित विभागों के एकजुट और सामूहिक यत्नों के लिए न्योता दिया।
नशे की बीमारी को रोकने के लिए दवाओं के अनियमित वितरण पर निगरानी की ज़रूरत:कैप्टन अमरिन्दर सिंह
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