कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए 117 विधानसभा हलकों में 500 धरने लगाए, हर धरने में 5 व्यक्ति शामिल हुए

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के किसान विरोधी ऑर्डीनैंस का विरोध करते हुए आज पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बरिन्दर सिंह ढिल्लों ने अपनी पार्टी के अन्य अधिकारीयों के साथ मोहाली में पंजाब मंडी बोर्ड के कार्यालय के सामने धरना दिया। धरने वाली जगह पर पत्रकारों को संबोधन करते हुए ढिल्लों ने कहा कि मोदी सरकार देश के कृषि क्षेत्र को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने बताया कि पंजाब यूथ कांग्रेस के अधिकारियों ने राज्य में 500 से अधिक स्थानों पर धरने दिए। उन्होंने बताया कि कोविड दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए पंजाब के 117 हलकों में हर जगह सिर्फ 5 लोग मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि इन ऑर्डीनैंसों के द्वारा मंडी बोर्ड का मौजूदा ढांचा बर्बाद हो जायेगा और पंजाब मंडी बोर्ड के विकास कार्य या मालीया उत्पादन रुक जाएंगे, जो पंजाब की तरक्की में रुकावट बनेंगे। सरकारी एजेंसियों की खरीद सिर्फ पी.डी.एस. वितरण तक ही सीमित रह जायेगी। पंजाब का मौजूदा 1 करोड़ 27 लाख मीट्रिक टन का कोटा, जो केंद्र सरकार की तरफ से खरीदा जाता है, 8.5 लाख मीट्रिक टन तक सीमित कर दिया जायेगा। ढिल्लों ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही दो-तीन कारोबारी घरानों का एकाधिकार टेलीकॉम, कोयला और पैट्रोलियम क्षेत्र पर बना दिया है जिससे बड़ी कंपनियाँ बाहर हो गई हैं। अगर कृषि क्षेत्र में भी ऐसी ही प्रणाली लागू कर दी गई तो किसान अपनी ही जमीन में मजदूर बनकर रह जायेगा। पंजाब की आर्थिकता और किसानी बर्बाद हो जायेगी।

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शिरोमणि अकाली दल पर धावा बोलते हुए ढिल्लों ने कहा कि हरसिमरत बादल ने इन किसान विरोधी ऑर्डिनेंसों पर दस्तखत करके अपनी सहमति दी है, जबकि दूसरी ओर उसके पति सुखबीर बादल यह कहकर किसानों की हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहा है कि शिरोमणि अकाली दल इसको रोकने के लिए किसी भी प्रकार की बलि देने से पीछे नहीं हटेगा। ढिल्लों ने सुखबीर बादल को संबोधन होते हुए पूछा कि सुखबीर बस यह स्पष्ट कर दे कि उसने ऑर्डीनैंसों का विरोध करने के लिए कौन सी बलि दी है? आपने लंबे समय से अपनी भद्दी चालों से पंजाब के लोगों को मूर्ख बनाया है परन्तु अब आपकी चालें काम नहीं आएंगी।
ढिल्लों ने केंद्र सरकार पर कृषि क्षेत्र को दबाने के लिए नीतियाँ तैयार करने का दोष लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जारी किये गए तीनों ऑर्डीनैंस छोटे और सीमांत किसानों के हितों के विरुद्ध हैं और उनको वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान समुदाय को गंभीर अंदेशा है कि केंद्र द्वारा कॉर्पोरेट सैक्टर को लाभ पहुँचाने की मंशा से न्यूनतम समर्थन मूल्य विधि और निश्चित रूप से मंडीकरण प्रणाली को बर्बाद किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई हैै, केंद्र में सरकार के साथ संबंधी संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है और ताजा ऑर्डीनैंस मजबूत मंडी प्रणाली को बिगाडऩे की साजिश है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति के मुख्य नतीजे के तौर पर छोटे व्यापारियों द्वारा मंडी प्रणाली का गठन हुआ था और अब मोदी सरकार इसे बड़े व्यापारिक घरानों में तबदील करने जा रही है, जो सीमांत किसानों के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है। ढिल्लों ने कहा कि अकाली-भाजपा की किसान विरोधी नीतियों ने राज्य के किसानों को आत्महत्याएँ करने के लिए मजबूर किया है और अब कृषि क्षेत्र में ये भयानक तबदीलियाँ करने से कृषि क्षेत्र और बर्बाद हो जायेगा। उन्होंने हरसिमरत बादल को यह बताने के लिए कहा कि केंद्र में मंत्री होते हुए हरसिमरत बादल ने राज्य के किसानों को बचाने के लिए क्या किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसान विरोधी ऑर्डीनैंस वापस न लिया गया तो हरसिमरत बादल और नरेन्द्र मोदी के आवास का घेराओ किया जायेगा।

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