ब्रह्मज्ञान से जीवन में आती है सहज अवस्था: निरंकारी माता सुदीक्षा

नई दिल्ली /होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। ब्रह्मज्ञान के साथ जीवन में सहज अवस्था आती है और जीवन आनंददायक बनता है। उक्त विचारों का प्रगटावा निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने आज विश्व के कल्याण के लिए दिए संदेश दौरान किया। उन्होंने फरमाया कि सारी जिंदगी मनुष्य भ्रमों में ही जीता रहता है। उसको इस बात का भ्रम रहता है कि वह एक शरीर है और वह ऊँची जाति के साथ सम्बन्ध रखता है। वह इस दुनिया में सदा के लिए आया है, उसके बहुत रिश्तेदार सज्जन मित्र हैं। उसकी जिंदगी में जितने सुख के साधन हैं उसने आप हासिल किए हैं। परन्तु वास्तव में यह सच्चाई नहीं है। मनुष्य इस झूठी माया के नशे में सारी जिंदगी गुजार देता है और वास्तविकता से नावाकिफ रहता है।

Advertisements

जब यह दुनिया दारी और रिश्ते नाते इसके साथ रहते हैं तो यह अपने आप को बड़ा खुशनसीब महसूस करता है परन्तु जब मौका पाकर दुनिया के रिश्तेदार मुँह फिर लेते हैं फिर यह अपने आप को अकेला और दुखों में घिरा हुआ महसूस करता है। जिस कारण इसके जीवन में दुखों और खुशियों का आना जाना लगा रहता है परन्तु यदि यह मनुष्य अपने जीवन में इस निरंकार परमात्मा को अपना सच्चा रिश्तेदार बना ले फिर इसके जीवन में स्थिरता आ सकती है। यह परमात्मा ही हमेशा सच्चा और स्थिर रहने वाला है। इसके साथ जुड़ कर कभी भी मनुष्य डुलायेमान नहीं हो सकता क्योंकि यही इसके जीवन का आधार है। इसके कारण ही इसके जीवन में खुशियाँ हैं, यही अज्ञानता के अंधेरे में से मनुष्य को निकाल कर ज्ञान वाला मार्ग दिखा सकता है।

इसके साथ जुड़ कर ही इसके जीवन में सिमरन, सेवा की महत्ता इसको समझ आती है जब इसके जीवन में सिमरन आ जाता है, इसका मान शांत रहता है और फिर यह सब्र और शुकुराने की जिंदगी जीनी शुरू कर देता है। इसकी जिंदगी में से वहम, भ्रम, डर और गिले शिकवे सभी ही खत्म हो जाते हैं। ज्ञान मार्ग पर चल कर फिर यह अपने आप को एक सहज अवस्था में स्थापित कर लेते है फिर दुनिया के सुख -दुख, लाभ हानि, धूप -छाया, इसके जीवन को परेशान नहीं करते। यह अवस्था तब ही बनती है, जब हम सत्गुरू की शरण में जा कर ज्ञान प्राप्ति के बाद अपनी पहचान कर लेता हैं कि वह शरीर नहीं आत्मा है और उसके जीवन का आधार परमात्मा है। यही उसके जीवन का उद्देश्य है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here