हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़)। करीब 40 वर्षों से हमीरपुर नगर परिषद के किरायेदार रहे, खोखेवाले सोमवार को जिला प्रशासन से मिले और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि एचआरटीसी बस स्टैंड हमीरपुर के बाहर सडक़ किनारे अतिक्रमण हटाने के नाम पर लोकनिर्माण विभाग द्वारा खोखो के आगे पीछे खोदी गई नालियाँ अब बरसात में खोखा मार्केट के लिए कई दिक़्क़तें पैदा कर रही हैं।
पानी खोखों के अंदर आने से क़ीमती सामान खऱाब हो रहा है। वहीं पीडि़त खोखाधारक धनी राम ,बिजय कुमारी , रणवीर सिंह ,सुमना देवी , बीरेन्द्र मल्होत्रा,रामेश्वर,परमानंद, सलोचना देवी ,बिनोद शर्मा ,जोगिंद्र सोनी इत्यादि ने माँग की है कि प्रशासन खोखों के आगे खोदी नालियों पर फ़ुटपाथ का शीघ्र निर्माण करे ताकि किसी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। आपको बता दें कि हमीरपुर बस स्टैंड के बाहर 58 खोखाधारक थे। जिला प्रशासन ने बीते वर्ष हमीरपुर बस स्टैंड के बाहर बनाए खोखों को हटाकर दुकानदारों को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल के खेल स्टेडियम की सीढिय़ों के नीचे बनाए शॉपिंग मॉल में शिफ्ट करने की योजना बनाई थी।
इस योजना के तहत प्रशासन ने खोखों को हटाने से पहले तीन बार नोटिस भी दिए थे। प्रशासन ने एक दर्जन से अधिक खोखों को हटाकर उन्हें पक्की दुकानों में शिफ्ट कर दिया। लेकिन खोखाधारकों को पक्की दुकानें आवंटित करते समय क्रम का जरा भी ध्यान नहीं रखा। इसके चलते कुछ खोखाधारक उच्च न्यायालय पहुंच गए। खोखा मार्केट यूनियन के प्रधान वीरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि सभी दुकानदार मांग कर रहे हैं कि जिस क्रम में खोखे बने थे, उसी क्रम में उन्हें पीछे बनी मार्केट में पक्की दुकानें दी जाएं। लेकिन प्रशासन ने आगे-पीछे दुकानें आवंटित कर दीं। उन्होंने कहा कि सोमवार को एस॰डी॰एम॰ डाक्टर चिरंज़ी लाल को ज्ञापन सौंप माँग की गई कि खोखों के पीछे नालियाँ बनाने का काम बंद किया जाए और इनके आगे खोदी गई नालियों पर शीघ्र फुटपाथ का काम शुरू हो। इस दौरान अगर कोई दुर्घटना होती है तो सारी ज़िम्मेदारी हमीरपुर प्रशासन की होगी।