बैंक ग्राहकों को धोखाधड़ी से ठगने वाले साईबर घोटालेबाजों के दो गिरोहों का पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार, 8.85 लाख की नकदी बरामद

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। एक साझी मुहिम के अंतर्गत पंजाब पुलिस ने अंतर्राज्यीय साईबर घोटाला करने वालों के दो गिरोहों का पर्दाफाश करते हुए छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बैंक अधिकारी बनकर बड़ी संख्या में भोले भाले बैंक ग्राहकों के मेहनत से कमाए पैसे ठगने का धोखा किया था। पुलिस ने उनके पास से 8.85 लाख रुपए नकद, 11 मोबाइल फोन, 9 हैंडसैट और 100 सिम कार्ड भी बरामद किये हैं। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि इनमें से चार सदस्यों वाला एक गिरोह दिल्ली से काम कर रहा था और 2 व्यक्तियों वाला दूसरा गिरोह बिहार के क्षेत्र जामतारा से काम कर रहा था जो ऑनलाइन घोटालों के लिए मशहूर था और वह लुधियाना में सक्रिय था। श्री गुप्ता ने कहा कि यह छह घोटालेबाज क्षेत्र में सक्रिय थे और उनकी गिरफ्तारी से अब तक चार केस हल किये गए हैं।

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श्री गुप्ता ने बताया कि यह सारी कार्यवाही डीएसपी (डी) मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में एसएसपी संगरूर सन्दीप गर्ग की निगरानी वाले साईबर सैल और सी.आई.ए की एक विशेष साझी टीम ने की। डीजीपी ने बताया कि पश्चिमी दिल्ली के चाणक्य प्लेस का निवासी मुहम्मद फरीद दिल्ली गिरोह का सरगना था जो कि पंखा रोड क्षेत्र में प्लैटिनम वेकेशंस प्राईवेट लिमिटेड नाम का कॉल सैंटर चला रहा था। उसकी कार्यवाहियों को एक निगरानी अधीन रखा गया और छापेमारी के दौरान 1,20,000 रुपए नकद, 7 मोबाइल फोन, 9 हैंडसैट टैलिफोन (बीटल ब्रांड) और 90 सिम कार्ड बरामद हुए। श्री गुप्ता ने कहा कि प्राथमिक पड़ताल से पता चला है कि मुलजिम अपने आप को बैंक अधिकारी बताकर एच.डी.एफ.सी बैंक खाता धारकों को निशाना बना रहे थे। वह इस बहाने अपने पीडि़तों के पास से निजी बैंक से सम्बन्धित जानकारी लेते थे कि उनका डेबिट / क्रेडिट कार्ड चल रहे कोविड संकट के कारण खत्म हो रहा है। श्री गुप्ता ने कहा कि उनके मोबाइल फोनों पर भेजे गए अपने कार्ड के विवरण और उपयुक्त ओटीपी प्राप्त करने के बाद, यह व्यक्ति बिना डर के पीडि़तों के खातों में से पैसे उनके फर्जी पे-टीएम खातों में ट्रांसफर करते थे। उन्होंने कहा कि जांच टीम ने कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया था, जिनको इन फर्जी पे-टीएम खातों को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।

डीजीपी ने बताया कि फरीद के अलावा उसके साथी संजय कश्यप उर्फ दादा, मुकेश और उपेंदर कुमार सिंह, सभी पश्चिमी दिल्ली के निवासियों को गिरफ्तार किया गया है। दोषियों के विरुद्ध थाना सिटी 1 संगरूर में एफआईआर नं.178 तारीख 27.08.2020 को आईपीसी की धारा 420, 66 डी आई टी ऐक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
श्री गुप्ता ने बताया कि जामतारा गैंग के दो सदस्यों, नूर अली और पवन कुमार, क्रमवार मंडी गोबिन्दगढ़ और बस्ती जोधेवाल को लुधियाना नामजद किया गया है। यह जोड़ी अपने के.वाई.सी. विवरणों को पुन: प्रमाणित करने के बहाने लोगों को बैंक अधिकारी बनकर ठगती थी। अपने पीडि़त के बैंकिंग विवरण और ओटीपी की माँग करने के बाद, वह उनको एक ‘‘क्यू एस टीम व्यूअर ऐप’’ डाउनलोड करने और थोड़े समय के लिए अपने मोबाइल फोनों को बंद करने के लिए कहते। इस दौरान, वह अपने पीडि़त लोगों के खातों में से पैसे निकाल कर सुगल दमानी यूटिलिटि सर्विसिस के खाते में डाल देते थे जिसको बाद में वह नूर अली के मोबीक्विक वॉलेट में भेज देते थे। बाद में यह पैसा पवन कुमार के मोबीक्विक वॉलेट में तबदील कर दिया जाता था। पवन, जो बाली टेलीकॉम के नाम अधीन मोबाइल फोन रिचार्ज करने का कारोबार चलाता था, इस धोखे से की गई कमाई से अपने कई ग्राहकों के बिजली के बिलों का भुगतान अपने ई-वॉलेट के द्वारा करता था और बिल में छूट का लालच देकर वह इन ग्राहकों से बदले में नकद पैसा लेता था।

पुलिस ने उसके पास से 7,65,000 नकद, 2 मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किये हैं। इस जोड़ी के विरूद्ध आइपीसी की धारा 420, 120-बी, 66-डी आई टी ऐक्ट 2008 के अंतर्गत थाना सदर धुरी में मामला दर्ज किया गया है। डीजीपी ने इस दौरान लोगों को ऑनलाइन लेन-देन करते समय बहुत सचेत रहने और अपने बैंक खाते के विवरण् साझा न करके ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचने की सलाह दी है।

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