ठेकेदार व अधिकारियों के लिए मलाईदार साबित हो रही सात निश्चय योजना, बिना एनओसी लिए तोड़ दी मोहल्ले की सड़कें

बछवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: राकेश कुमार। बछवाड़ा प्रखंड विभिन्न पंचायतों में विकास के दावों के बीच चलाय जा रहे सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल जल परियोजना आमलोगों के लिए परेशानियों का सबब बना है, वहीं सरकारी कर्मचारियों-पदाधिकारियों व ठेकेदार के लिए मलाईदार साबित हो रही है। बताते चलें कि सात निश्चय योजना के अंतर्गत हीं मोहल्लों में पहले तो नाली गली स्कीम से पीसीसी सडक़ का निर्माण किया, कुछ महीने बाद अब करोड़ों-अरबों की लागत से बनी इन्हीं पीसीसी सडक़ों को तोड़ा जा रहा है। ग्रामीण लोगों नें सडक़ तोडऩे वाले कर्मियों से पूछा कि इस नये नवेले सडक़ों को आखिर इतने बेरहमी से तोड़ा क्यों जा रहा है। ग्रामीणों को सडक़ तोडऩे वाले कर्मियों नें कडक़ आवाज में बताया विकास का काम हो रहा है नल जल का पाईप लाईन बिछाया जाएगा। ग्रामीण सनोज यादव, पुजा देवी, मनोज महतो, ई रिक्शा चालक विक्रम कुमार, धर्मेंद्र महतो, दिलिप कुमार आदि नें बताया कि गांवों में विकास का सपना दिखा कर ठिकेदार अब चकमा दे रहा है। मोहल्ले की सडक़ों को बीचों बीच मशीन से तोड़ कर छोड़ दिया गया है।

Advertisements

महीनों से टुटे पड़ सडक़ों के बीच गड्ढे व बिखड़े पड़े कंक्रीट के पत्थरों से आम राहगीरों व घर से निकलने वाले बच्चे की घायल होने की सुचना मिलती हीं रहती है। वहीं ई रिक्शा चालक विक्रम कुमार नें बताया कि सडक़ें तोड़ दिए जाने के कारण विगत लगभग दो माह से हम अपने घर तक ईरिक्शा नहीं ले जाते हैं। रात्रि को दुसरों के दरवाजे पर ई-रिक्शा खड़ा करना जोखिम भरा तो है ही, ई-रिक्शा बैट्री चार्ज करने की समस्या खड़ी हो गई है। उपरोक्त लोगों नें बताया कि ई रिक्शा तो मुहल्ले में साईकिल चढक़र जाने में भी आफ़त है। ठेला से घुम कर आईसक्रिम बेचने वाले गोविंद कुमार नें बताया कि मुख्य सडक़ों को छोडक़र मुहल्ले में जाकर आईसक्रिम बेचने पर अच्छी खासी कमाई हो जाती थी। मुहल्ले की सडक़ों को तोड़े जाने के कारण घूम-घूम कर बेचने वाले का पाकेट खर्च भी निकलने पर आफत आ गयी है।

वहीं सीपीआई के सहायक अंचल मंत्री प्यारे दास नें बताया कि सडक़ों के इस तोड़ जोड़ के इस खेल में ठिकेदारों के साथ साथ संम्बंधित विभाग के अधिकारियों की चांदी हीं चांदी है। सात निश्चय योजना से हीं सडक़ें बनी, अब सात निश्चय से हीं तोड़ी जा रही है । सिर्फ क्रियान्वयन एजेंसी का फर्क है। सडक़ निर्माण वार्ड क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति के माध्यम से करायी गयी। तोडऩे से पहले उक्त समिति अथवा प्रखंड विकास पदाधिकारी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए बिना हीं पीएचईडी विभाग के द्वारा सडक़ों को तोड़ा जा रहा है। एक बार फिर आने वाले समय में इन मुहल्लों की जलनिकास हेतु सडक़ें तोड़ी जाएगी। आश्चर्य तो यह है कि जब सारी योजनाएं सात निश्चय योजना अंतर्गत हीं है तो टाईप लाइन, नाला निर्माण नली गली सडक़ सभी एक साथ शुरू करने पर कम खर्च में सारे विकास कार्य सम्भव हो सकता था। उक्त नेता ने बताया कि ईमानदारी पुर्वक अगर मामले की जांच की जाए तो यह एक बड़ा घोटाले के रूप में उभर कर सामने आएगा।

बीडीओ पुजा कुमारी नें बताया कि पाईप लाईन बिछाने हेतु सडक़ें तोडऩे के लिए किसी प्रकार का कोई अनापत्ति प्रमाणपत्र हमसे नहीं लिया गया है। मगर संवेदक द्वारा मौखिक रूप से यह स्वीकार किया गया है कि तोड़े गए सडक़ों को अविलंब हीं ठीक कर दिया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here