होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जम्मू-कश्मीर में सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद अलगाववाद ताकतें हावी हैं तथा अब समय रहते ही ऐसी ताकतों को कुचलकर ही वहां शांति की स्थापना संभव है। इसलिए आतंकियों पर रहम की नीति से नहीं बल्कि उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देना होगा। यह विचार सफल गुरु भारत परंपरा के अध्यक्ष वीर प्रताप राणा ने आतंकियों द्वारा फिदा हुसैन यातु, उमर राशिद बेग एवं उमर रमजान हजाम की हत्या पर दुख एवं कड़ी चिंता व्यक्त करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आतंकियों द्वारा की गई इन हत्याओं ने सिद्ध कर दिया है कि कश्मीर में आलगाववाद और पाकिस्तान के हाथों खेलने वाली कठपुतलियां बहुत हैं और यह ताकतें किसी भी कीमत पर शांति की स्थापना को रोकना चाहती हैं। इसलिए आए दिन निर्देश लोगों की हत्या करके लोगों में आतंक पैदा करने की नापाक हरकतों को अंजाम दिया जा रहा है। श्री राणा ने कहा कि अगर आतंकी गतिविधियां इसी प्रकार जारी रहीं तो आम जनता को इनके खिलाफ मोर्चा खोलना होगा तथा इनके खिलाफ एक संगठन खड़ा करके इनको इनकी भाषा में जवाब देने के लिए हम सभी एक मंच पर इकट्ठा होने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की कि आतंक को बढ़ावा देने वाली ताकतों पर बिना किसी दया के कार्यवाही को अंजाम दिया जाए।
श्री राणा ने कहा कि पाकिस्तान जिससे खुद का देश तो संभलता नहीं और भारत की शांति को भंग करने के प्रयास कर रहा है को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। क्योंकि, भारत का हर नागरिक आज पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार खड़ा है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपील की कि वे देश विरोधी ताकतों से पूरी तरह से सुचेत रहें। क्योंकि, ये वही लोग हैं जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की शांति भंग करके भाई को भाई से लड़ाया है तथा अब समय है कि हम एकजुट होकर शांति बहाली के लिए प्रयास करें।
Yes sir hum apke sath hai