ब्रह्म मोहिन्द्रा ने 6वें पंजाब वित्त आयोग के साथ बैठक कर शहरी इकाईयों के राजस्व में तेज़ी लाने के दिए आदेश

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राजस्व में तेज़ी लाने और नगर निगमों, नगर कौंसिलों और नगर पंचायतों के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने के लिए स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा की तरफ से आज 6वें पंजाब वित्त आयोग के साथ उच्च स्तरीय मीटिंग की गई। मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये ब्रह्म मोहिन्द्रा ने कहा कि एक शहर में शहरीकरण और आर्थिक विकास आपस में जुड़े होते हैं और विकास में तेज़ी आम तौर पर शहरी क्षेत्रों में से ही आती है। इसलिए राज्य वित्त आयोग का मुख्य आदेश स्थिर विकास लक्ष्यों के मद्देनजऱ टैक्सों, डयूटीज, अनुसंधान और फ़ीसों की आमदनी सम्बन्धी राज्य और स्थानीय इकाईयों (ग्रामीण और शहरी) में वितरण को तर्कशील बनाने संबंधी सिफारिशें देना है।

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शहरी स्थानीय इकाईयों के राजस्व उत्पादन में तेज़ी लाने सम्बन्धी श्री मोहिन्द्रा ने कहा कि आज हम आयोग के साथ ठोस उपायों की सिफारिश करने के लिए प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किये हैं जोकि अपने स्रोतों के बेहतर प्रबंधन और मौजूदा स्रोतों के साथ राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक और अनावश्यक खर्चों में कटौती के द्वारा स्थानीय संस्थाओं की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने में सहायता कर सकते हैं। उन्होंने स्थानीय सरकार के सचिव अजोए कुमार सिन्हा को शहरी और ग्रामीण इकाईयों के बेहतर प्रबंधन सम्बन्धी मानक सेवाओं के लिए मापदंड तय करने और ज़रुरी फंड जुटाने के लिए दूसरे राज्यों के मॉडलों की आलोचना करने के लिए कहा। फंडों का वितरण करने सम्बन्धी फार्मूले का सुझाव देते हुये 6वें पंजाब वित्त आयोग के सचिव/चेयरमैन के.आर. लखनपाल ने कहा कि फंडों का वितरण उनके अपने हिस्से, टैक्सों, डयूटीज की वसूली और फ़ीसों के निर्धारण पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने फंड प्रबंधन की निगरानी के लिए एक विशेष वैधानिक संस्था बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि जीएसटी और अन्य फंड नहीं दिए जाते या देरी के साथ मुहैया करवाए जाते हैं तो यह इकाई सम्बन्धी विभागों की जवाबदेही तय करेगी। इस मीटिंग में 6वें पंजाब वित्त आयोग के मैंबर, जी. वज्रालिंगम, विशेष सचिव वित्त अभिनव त्रिखा, डायरैक्टर स्थानीय निकाय पुनीत गोयल और अन्य सीनियर अधिकारी भी मौजूद थे।

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