होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: गुरजीत सोनू/जतिंदर प्रिंस। होशियारपुर-चंडीगढ़ मार्ग पर स्थित आईवी अस्पताल में रोडवेज कर्मचारी सुनीता रानी की मौत का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक अन्य मरीज की मौत होने पर उसके परिजनों द्वारा इसके लिए अस्पताल के डाक्टरों व स्टॉफ की लापरवाही को जिम्मेवार ठहराए जाने का एक और मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार मृतका शीला देवी के बेटे रजेश डडवाल, बलराम सिंह, बेटी कंचन निवासी गोंदपुुर अपर बनेड़ा तहसील घनारी जिला ऊना हिमाचल प्रदेश ने बताया कि 5 दिसंबर को उनकी माता शीला देवी (62) पत्नी रजिंदर सिंह को सांस की तकलीफ हुई और वह उन्हें पास के ही एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां डाक्टरों ने उन्हेें जालंधर रैफर किया, लेकिन रास्ते में जब वह चौहाल के पास पहुंचे तो उनकी माता की हालत बिगडऩे लगी जिस पर वह उन्हें होशियारपुर के आईवी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां पर डाक्टरों ने उनका ईलाज शुरू कर दिया।
शीला देवी की बेटी कंचन ने अस्पताल के डाक्टरों व स्टॉफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के कारण आज सुबह करीब 10.15 बजे उनकी माता की मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि डाक्टरों द्वारा उनकी माता को कोरोना पॉजीटिव बताया जा रहा है और मौत का कारण भी नहीं बताया जा रहा है। कंचन देवी ने कहा कि ऊपर से स्टॉफ द्वारा भी उनके साथ बुरा व्यव्हार किया गया और सुबह से ही वह अपनी माता के ईलाज के लिए अस्पताल में इधर से उधर घूम रहे थे तथा अस्पताल के इंचार्ज के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि आज रविवार होने की वजह से कुछ डाक्टर छुट्टी पर होते है।
उन्होंने कहा कि उनकी माता की मौत की वजह सिर्फ डाक्टरों व स्टॉफ की लापरवाही है। परिजनों ने जिला व पुलिस प्रशासन से भी अपील की है कि ऐसी लापरवाही से मरीजों का ईलाज करने वाले अस्पताल पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि इलाज के अभाव में कोई और मरीज अपनी जान से हाथ न धो बैठे। इस संबंध में पत्रकारों द्वारा अस्पताल के इंचार्ज से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वह मीडिया से बचते रहे तथा उन्होंने इस संबंधी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। दूसरी तरफ सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी थी।