कृषि मंत्री तोमर ने किसानों को जारी किया पत्र, दिया आश्वासन, प्रधानमंत्री ने किसानों को पत्र पढऩे की अपील की

नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसान आंदोलन जारी है। किसानों द्वारा 23 दिनों से दिल्ली बार्डर पर धरना दिया जा रहा है। इसी दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को एक पत्र लिखा है जिसमें किसानों को 8 आश्वासन दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों से अपील की है कि वह इस पत्र को ज़रूर पढ़ें। तोमर ने इस पत्र में किसान भाइयों से अपनी भावनाएं प्रकट की हैं। और उन्होंने अपने किसान भाइयों से आग्रह किया है कि वह इस पत्र को ज़रूर पढ़ें। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि इस पत्र को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए।

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उन्होंने पत्र में लिखा है कि सरकार ने यह जो कानून बनाए हैं यह किसानों के हित में हैं। तथा विपक्षी इन कानूनों का विरोध करने के लिए किसानों को उकसा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को कहा कि यह जो कानून बनें हैं इससे किसानों को आत्मनिर्भर होने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए जो विपक्ष किसानों को उकसा रहें है और जो भ्रम फैला रहे हैं उनसें भी किसान बचें। उन्होंने कहा कि सरकार और किसानों के बीच झूठ की दीवार खड़ी की जा रही है। उन्हें लगातार भडक़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों से किसानों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है। और इसका लाभ उन्हें मिलना भी शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इन कानूनों से उन्हें फायदा मिलेगा तथा मंडियां भी जारी है तथा एमएसपी का भी लाभ जारी रहेगा। तोमर ने कहा कि मैं भी एक किसान हूं तथा मेरी कत्र्तव्य बतना है कि मैं किसानों को समझा सकूं तथा इन कानूनों के लाभ का आभास करवा सकूं।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक कृषि विभाग में नींव बनेंगे तथा किसानों को स्वतंत्र बनाएंगे। उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि किसानों का अपनी जमीनों पर मालिकाना हक रहेगा तथा उनकी एक इंच ज़मीन भी नहीं छिनेगी। उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि एसएसपी पर सरकारी खरीद इतनी ज्यादा हो पर इस बार कानून बनने से किसानों को बहुत फायदा हुआ है। तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की लागत का उन्हें 1:30 गुना एमएसपी दे रही है।

उन्होंने इस पत्र में किसानों को 8 आश्वासन दिए हैं।
*खुले बाज़ार में अच्छे दाम पर फसल बेचने के विकल्प
*किसानों को तय समय पर ही किया जाएगा भुगतान
*किसान जब चाहे तब कार्पोरेटर से किए हुए अनुबंध में से वापिस आ सकते हैं
*किसानों की एक इंच ज़मीन भी किसी और की नहीं होगी, उनके पास उनका मालिकाना हक रहेगा
*एसएसपी जारी है और जारी रहेगी
*मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी
*3 दिनों में फसल की कीमत का किया जाएगा भुगतान, नहीं करने पर होगा ज़ुर्माना
*एपएमएस मंडियां कानून के दायरे से होंगी बाहर

तोमर ने इस पत्र के माध्यम से किसानों से हाथ जोड़ कर विनती की कि सरकार किसानों के लिए 24 घंटे उनकी दुविधा दूर करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान राजनीतिक दलों के बहकावे में न आए तथा अपने दिमाग से समझ लें। उन्होंने कहा कि किसान सरकार पर यकीन रखें कि यह विधेयक किसान को स्वतंत्र बनाएंगे तथा आगे भी उन्हें भारी मात्रा में इनका लाभ होगा ।

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