दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। तुलसी का धार्मिक महत्व सनतान धर्म में बहुत ज्यादा है। यह मान्यता है कि धरती पर जो अमृत समुद्र मंथन के दौरान गिरा था उससे तुलसी का जन्म हुआ। इस दौरान वैषणव मंडल के महंत पवन दास ने आज धर्म चर्चा करते हुए कहा कि शास्त्रों में पूजनीय, पवित्र और देवी का दर्जा तुलसी के पौधे को दिया हुआ है। साथ ही बताया गया है कि घर में तुलसी का पौधा लगाना बहुत लाभकारी होता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि तुलसी के पौधे के कई लाभ भी शास्त्रों में बताए गए हैं। अगर आप भी तुलसी के इन लाभों के बारे में जान जाएंगे तो रोज नियमित रूप से दर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी के पत्ते से टपकता हुआ जल कोई भी अपने सिर पर धारण कर लेता है उसे गंगास्नान और 10 गोदान करने की प्राप्ति होती है।
हिंदू शास्त्र में देवी का दर्जा तुलसी को दिया गया है। कहते हैं कि तुलसी की सूखी लकडिय़ां थोड़ी सी किसी के शव के ऊपर, पेट और मुंह पर बिछा दी जाएं और उसे अग्नि तुलसी की लकड़ी से दी जाए तो उसकी रक्षा दुर्गति से होती है। साथ ही जो भी पाप उसने किए हैं सारे खत्म हो जाते हैं। कहते हैं कि उसे लेने यमदूत भी नहीं आते।
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मनुष्यों के पूर्व जन्मार्जित पाप तुलसी का पौधा घर में लगाने से, पालने करने से, सींचने से तथा ध्यान रखने से खत्म हो जाते हैं। मोक्ष की प्राप्ति ऐसे व्यक्ति को होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार,कोई भी व्यक्ति अगर तुलसी के पत्ते के साथ जल कर मृत्यु के समय पान करता है तो वह अपने सारे पापों से मुक्त हो जाता है और सीधे विष्णुलोग में प्रवेश करता है। मान्यता है कि देवी-देवताओं की विशेष कृपा घर में तुलसी का पौधा लगाने से व्यक्ति पर होती है।
शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति तुलसी के दर्शन सुबह करता है और जल-फूल चढ़ाता है उसे स्वर्ण दान का फल मिलता है। इसके अलावा नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर होती है और आर्थिक स्थिति सही हो जाती है। पुराणों में कहा गया है कि रोजाना नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए। तुलसी के पास दीपक हर रोज शाम के समय जलाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि महालक्ष्मी की कृपा हमेशा उन लोगों पर बनी रहती है जो सांयकाल के समय दीया और बाती तुलसी की करते हैं।