कैटल पाउंड को सुचारु चलाने हेतु व्यवस्थाएं न की गई तो होगा संघर्ष: अश्विनी गैंद

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कैटल पाउंड को सुचारु ढंग से चलाने और शहर में घूम रहे लावारिस पशुओं की संभाल संबंधी गत दिवस समाजिक संस्था ‘नई सोच’ की तरफ से जिलाधीश को एक मांगपत्र सौंपा गया था। जिसमें उन्होंने इस संबंधी उचित प्रबंध किए जाने संबंधी मांग की थी। नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने बताया कि संस्था द्वारा दिए गए मांगपत्र पर प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई अमल में लाई गई संबंधी उन्होंने निगम कमिशन और पशु पालन विभाग के डिप्टी डैयरैक्टर के साथ बैठक करके इस संबंधी हुई प्रगति की जानकारी हासिल की है। अश्विीन गैंद ने बताया कि निगम कमिशनर जसवीर सिंह ने बताया

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है कि निगम द्वारा भंगी चो के समीप कैटल पाउंड बनाया जा रहा है तथा निगम उसकी जिम्मेदारी तो ले सकता है, मगर गांव फलाही में बनाए गए कैटल पाउंड संबंधी जो भी कार्यवाही की जानी है वे प्रशासन की तरफ से की जानी है। उन्होंने बताया कि शहर में घूमते लावारिस पशुओं को पकडक़र कैटल पाउंड पहुंचने के लिए कैचल संबंधी एस्टिमेट बनाकर हाउस में रखने के निर्देश दे दिए गए हैं और निगम द्वारा जल्द ही कैचर ले लिया जाएगा।
अश्विनी गैंद ने बताया कि इस उपरांत उन्होंने डिप्टी डायरैक्टर पशु पालन विभाग हरमेश कुमार के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने भी कैटल पाउंड को सुचारु चलाने में अपनी असमर्थता जताते हुए बताया कि उनका विभाग पशुओं को स्वास्थ्य सेवाएं तो प्रदान कर सकता है, मगर पशुओं को कैटल पाउंड पहुंचाया व उन्हें पकडऩे संबंधी उनके पास कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि कैटल पाउंड में पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध करने के लिए उनके पास हरे चारे के लिए किसी तरह का फंड नहीं है तथा यह सरकार स्तर पर ही संभव है। उन्होंने बताया कि पशुओं को टैग लगाने संबंधी भी सरकार अगर कोई पालिसी बनाकर लागू करे तो ही यह कार्य संभव हो सकता है।
इस दौरान अश्विनी गैंद ने कहा कि एक तरफ तो सरकार लावारिस पशुओं की समस्या से निपटने के लिए बड़े-बड़े दावे करती नहीं थक रही तो

दूसरी तरफ कैटल पाउंड को चालू करने संबंधी कोई पालिसी नहीं बनाई जा रही। इसके चलते जो पशु कैटल पाउंड में रखे गए हैं उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था न होने के चलते पशु कमजोर व मरने की कगार पर पहुंच रहे हैं। श्री गैंद ने कहा कि इस बारे में अगर सरकार व गऊ सेवा आयोग ने कोई कदम न उठाए तो आने वाले समय में जहां सरकार के पुतले जलाए जाएंगे वहीं आयोग के चेयरमैन के खिलाफ भी पुतला फूंक प्रदर्शन करके रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। श्री गैंद ने कहा कि प्रशासन के पास कैटल पाउंड को चलाने के लिए पैसा होने के बावजूद पाउंड में रखे पशुओं के लिए हरे चारे का प्रबंध करना जरुरी नहीं समझा जा रहा। ऐसे में अगर किसी पशु की जान जाती है तो इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी और आयोग के चेयरमैन को जिम्मेदार माना जाएगा तथा इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाने हेतु संघर्ष छेड़ा जाएगा। इस मौके पर भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा ने कहा कि अगर सरकार और जिला प्रशासन चाहें तो इस समस्या का हल सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से निकल सकता है तथा

शहर की कई संस्थाएं प्रशासन को सहयोग के लिए तैयार बैठी हैं। उन्होंने कहा कि लावारिस पशुओं की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है और इसके हल के लिए संयुक्त प्रयास बहुत जरुरी हैं। इस मौके पर सेवा भारती से अरविंद शर्मा, जय दुर्गा वीर हकीकत राय सेवा समिति के प्रदीप भल्ला, राजेश शर्मा, स्वामी केशवानंद गौशाला से विकास सहदेव सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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