नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। कृषि कानूनों के विरोध में लगातार किसानों का संघर्ष जारी है। आज 8वें दौर की बैठक में भी किसानों और सरकार के बीच हुई बैठक में कोई हल नहीं निकला। अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। इसी के बीच 11 जनवरी को भी किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बैठक में सरकार से बातचीत के दौरान किसानों के तेवर भी काफी कड़े देखने को मिले। किसानों ने सरकार से कहा कि उन्हें किसी भी बात पर कोई बहस नहीं चाहिए न ही कृषि विधेयकों में कुछ बदलाव चाहिए। उन्हें सिर्फ चाहिए कि सरकार कृषि कानून वापिस लें।
इतना ही नहीं बैठक में तो एक किसान ने यह भी कह दिया कि शायद सरकार का इस मुद्दे को निपटाने का इरादा ही नहीं है। जानकारी अनुसार बैठक में सरकार ने यह कहा कि जिस तरह किसान अपनी बात पर अड़े हुए है इसे मुद्दे को अब सुप्रीम कोर्ट ही हल करे तो बेहतर है। इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारे राज्य का एक असूल है कि अगर कोई कानून राज्यसभा या लोकसभा से पास होता है तो उसका विशलेशण करने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का है। उन्होंने कहा कि किसान अगर कृषि कानून वापिस लेने के अलावा कोई और रास्ता दिखाते हैं तो हम उस पर ज़रूर विचार विर्मश करेंगे।
दूसरी ओर किसानों ने सरकार से दो टूक कह दिया कि सरकार ऐसा न समझे कि हम हार जाएंगे और इस मुद्दे का हल किए बिना वापिस चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा सोचती है तो वह गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि हम अगली वार्ता पर भी ज़रूर आएंगे। आज की बैठक में एक बार फिर किसानों ने सरकार द्वारा दिया गया भोजन नहीं खाया। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ कृषि कानून वापिस चाहते हैं। उन्हें और कुछ नहीं चाहिए। आज की बैठक में सरकार अपनी बात पर अड़ी रही और किसान अपनी बात पर। एमएसपी के संबंध में कोई भी बीतचीत नहीं हुई।