साफ़ पानी की आपूर्ति के लिए 6 जिलों में 1249 करोड़ रुपए के 11 नहरी पानी आधारित प्रोजैक्टों पर काम जारी: सुल्ताना

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के भूजल के स्रोतों की जांच और निगरानी से पता लगा है कि मालवा बैल्ट के कुछ क्षेत्र युरेनियम और फ्लोराइड से जबकि माझे के कुछ गाँव आर्सेनिक से प्रभावित हैं। अब तक, 815 बस्तियां आर्सेनिक, 319 बस्तियां फ्लोराइड और 252 बस्तियां युरेनियम से प्रभावित हैं। राज्य के ऐसे खऱाब पानी वाले गाँवों को साफ़ पानी की सप्लाई मुहैया करवाने के लिए जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग द्वारा ऐसे गाँवों को नहरों से पानी लेकर साफ़ पानी की सप्लाई करने को प्राथमिकता दी जा रही है। पंजाब ने छह जिलों मोगा, अमृतसर, तरन तारन, गुरदासपुर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में 11 नहरी पानी आधारित जल आपूर्ति प्रोजैक्ट शुुरू किये हैं, जिनमें से मोगा जिले का प्रोजैक्ट इसी महीने चालू हो जायेगा और बाकी 9 प्रोजैक्ट दिसंबर 2022 तक लागू कर दिए जाएंगे।

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इनमें से एक प्रोजैक्ट मार्च, 2022 तक मुकम्मल हो जाएगा। यह प्रोजैक्ट मुकम्मल होने पर मोगा, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर जिलों के तकरीबन 1200 गाँवों को साफ़ पानी मुहैया करवाएंगे। विभाग द्वारा खऱाब पानी वाले गाँवों में कम्युनिटी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट/आर.ओ. प्लांट लगाकर लोगों को साफ़ पानी मुहैया के यत्न भी किये जा रहे हैं।  इस बाबत जानकारी देते हुए जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री रजि़या सुल्ताना ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण लोगों को शुद्ध पानी की सुविधा मुहैया करवाने के लिए विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। जहाँ कहीं पानी के दूषित होने की रिपोर्ट प्राप्त होती हैं, वहाँ लोगों को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों के द्वारा पीने वाले साफ़ पानी की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। नहरी पानी आधारित मोगा, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर जिलों में 11 प्रोजैक्ट चल रहे हैं, जिनकी कुल लागत 1249 करोड़ रुपए है।

इन प्रोजैक्टों के पूरा हो जाने से कुल 1205 गाँवों के 3 लाख 9 हज़ार 302 घरों को लाभ पहुँचेगा।  अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मोगा जिले में चल रहा प्रोजैक्ट फरवरी 2017 में शुरू किया गया था, जोकि इस महीने तक पूरा करने का लक्ष्य है और इसका ट्रायल 25 जनवरी से शुरू किया जायेगा। यह प्रोजैक्ट 230 करोड़ रुपए का है। इस प्रोजैक्ट के मुकम्मल होने से जिले के बाघा पुराना और नेहाल सिंह वाला ब्लॉकों के 85 गाँवों के 67000 घरों को शुद्ध पानी मिलेगा।  इसी तरह पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के 408 गाँवों के 84000 घरों को शुद्ध पानी देने के लिए 3 प्रोजैक्ट जुलाई 2020 में शुरू किये गए थे, जोकि दिसंबर 2022 तक मुकम्मल होंगे। यह प्रोजैक्ट 376 करोड़ रुपए के हैं। इस प्रोजैक्ट के अधीन तीन अलग-अलग वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट गाँव मंडोली (39 एमएलडी), पाबरा (18 एमएलडी) और नानोवाल (12 एमएलडी) में बनाए जा रहे हैं।  उन्होंने बताया कि अमृतसर जिले में 390 करोड़ रुपए की लागत के साथ 4 प्रोजैक्ट चल रहे हैं। यह प्रोजैक्ट दिसंबर 2022 तक मुकम्मल होने का लक्ष्य है। इन प्रोजैक्टों के पूरा हो जाने के बाद 269 गाँवों के 98033 घरों को लाभ पहुँचेगा। इस प्रोजैक्ट के अधीन वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट गाँव चविंडा कलाँ (21.2 एमएलडी), कन्दोवाली (36.3 एमएलडी), सगना (10.4 एमएलडी) और गोसलअफगाना (11.5 एमएलडी) में बनाए जाएंगे।

जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग मंत्री के अनुसार तरन तारन जिले में चल रहे 130 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट से 99 गाँवों के 35200 घरों को शुद्ध पानी मुहैया होगा। यह प्रोजैक्ट दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2022 तक पूरा होगा। इस प्रोजैक्ट के अधीन भुचर्रकलां गाँव में 28.8 एमएलडी का वॉटर ट्रीटमंैट प्लांट बनाया जायेगा।  इसी तरह गुरदासपुर जिले में चल रहे 2 प्रोजैक्टों से 142 गाँवों के 25069 घरों को फ़ायदा होगा। इन प्रोजैक्टों की लागत 123 करोड़ रुपए है। यह प्रोजैक्ट फरवरी और अक्टूबर 2020 में शुरू हुए थे और फरवरी और दिसंबर 2022 में मुकम्मल होंगे। इन स्कीमों के अधीन पारोवाल (9 एमएलडी) और कुंजर (14 एमएलडी) गाँवों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी प्रोजैक्टों की देख-रेख 10 सालों के लिए सम्बन्धित ठेकेदारों/कंपनियों द्वारा की जायेगी। 

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