होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। योग साधन आश्रम होशियारपुर में प्रभु रामलाल जी के परम शिष्य योगेश्वर स्वामी मुलख राज जी महाराज का 122वां जन्मोत्सव श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। आश्रम के संचालक योगाचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा जी के मार्गदर्शन में आयोजित चार दिवसीय समागम में अंतिम दिन श्री रामायण जी के पाठ का भोग डाला गया। इस उपरांत हवन यज्ञ व आरती के उपरांत योगाचार्य सदगुरुदेव ब्रह्मलोक निवासी चमन लाल जी महाराज का प्रवचन चल चित्र के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इसमें योगाचार्य जी ने कहा कि स्वामी मुलख राज जी महाराज गुरु प्रेम की चरम सीमा थे।
उन जैसा बनना हम जीवो के लिए संभव नहीं। जब शिष्य गुरु से अटूट प्रेम करता है तथा उनसे कोई सांसारिक वस्तु नहीं चाहता तो सद्गुरु स्वयं उसके लिए अपने आशीर्वाद का भंडार खोल देते हैं। अर्थात वे उसे इस लोक के जीवन यापन के सभी पदार्थ देते हैं साथ ही परलोक में मुक्ति भी प्रदान करते हैं। इस मौके पर आश्रम के संचालक योगाचार्य चंद्रमोहन अरोड़ा जी ने कहा कि जिस प्रकार स्वामी जी अपने गुरु से सांसारिक वस्तुएं न मांग कर उनसे अटूट प्रेम करते थे हम भी माया को दूर रखकर आत्मा को गले लगा सकते हैं। जिससे आनंद की स्थिति निरंतर बनी रह सकती है।
उन्होंने कहा कि स्वामी जी तथा सदगुरुदेव चमन लाल जी ने राजयोग तथा हठयोग के साधनों द्वारा असंख्य लोगों का उद्धार किया तथा उन्हें शारीरिक रोगों से मुक्त किया। उन्हीं के आशीर्वाद से आश्रम में योग की शिक्षा निशुल्क दी जाती है। जिसके सरल साधनों से असाध्य रोगों को दूर किया जाता है। इस अवसर पर भक्तों ने भजन गाकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया।