होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। नगर निगम होशियारपुर में आज उस समय हडक़ंप मच गया, जब एक शिकायत के आधार पर कार्यवाही करते हुए विजीलैंस की टीम ने विल्डिंग ब्रांच के इंस्पैक्टर गौरव ठाकुर व आर्कीटेक्ट दविंदर सिंह को रंगे हाथों काबू करने में सफलता हासिल की। विजीलैंस की कार्यवाही से विल्डिंग ब्रांच में फैले भ्रष्टाचार की भी पोल खुल गई। क्योंकि, आए दिन लोगों की यह शिकायत रहती थी कि बिल्डिंग ब्रांच में बिना लेन-देन के नक्शे पास नहीं हो रहे हैं तथा मीडिया द्वारा भी समय-समय पर इस संबंधी अधिकारियों और नेताओं को सुचेत किया जाता रहा था। लेकिन किसी ने भी इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना जरुरी नहीं समझा। विजीलैंस की कार्यवाही के बाद नगर निगम में कुछ इस प्रकार की शांति भरा माहौल व्याप्त हो गया जैसे शोक सभा के समय हो जाता है।
विजीलैंस अधिकारी निरंजन सिंह ने बताया कि विभाग को गांव महिलांवाली निवासी बिलावर बिल्ला ने शिकायत दी थी कि उसने बजवाड़ा की बलवीर सिंह एनक्लेव में अपनी पत्नी के नाम पर दुकान के लिए जगह खरीदी थी। जिसके बाद उसने नक्शे के लिए नगर निगम में अप्लाई किया था। लेकिन, निगम में बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों द्वारा बार-बार आबजैक्शन लगाकर फाइल को रिजेक्ट किया था। जिसके बाद इस संबंधी आर्किटेक्ट दविंदर सिंह से बात की।
जिस पर उन्होंने फाइल फिर से पुटअप की तो कहा कि अगर पहले दो बार फाइल रिजैक्ट की है तो बिना पैसे के काम नहीं होगा। इस पर दविंदर सिंह ने बिल्डिंग इंस्पैक्टर गौरव ठाकुर के साथ बात की तथा उन्होंने 10 हजार रुरये रिश्वत की मांग की। इस पर उसने कहा कि वह इतने पैसे नहीं दे सकता तो फाइल एप्रूव करने के लिए 5 हजार रुपये में बात तय हुई। उन्होंने बताया कि आज कार्यवाही दौरान बिलावर ने जब पैसे दिए तो उसकी फाइल अप्रूव कर दी तथा इस पर कार्यवाही करते हुए विजीलैंस विभाग की टीम ने इंस्पैक्टर गौरव ठाकुर व दविंदर सिंह को रंगे हाथों काबू किया। इस दौरान सरकारी गवाह हरमेश कुमार कंगमाई बैटनरी अधिकारी, राजेश कुमार इस्ट्रक्टर आईटीआई भी मौजूद थे। विजीलैंस अधिकारी ने बताया कि इस संबंधी मामला दर्ज करके आगे की कार्यवाही शुरु कर दी गई है।