तलवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रवीण सोहल। बीबीएमबी अस्पताल में 19 जनवरी को डिलीवरी दौरान एक महिला की मौत हो गई थी, परिजनों ने आरोप लगाया कि डाक्टर द्वारा सही इलाज न दिए जाने के चलते उनके मरीज की जान गई थी। डाक्टर पर कार्यवाही न होने से गुस्साये परिजनों ने तलवाड़ा में जाम लगा दिया। तलवाड़ा की इंदिरा कालोनी निवासी दीपक कुमार पुत्र अशोक कुमार ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी दीक्षा मालिया की डिलीवरी होनी थी तथा उन्होंने बीबीएमबी अस्पताल के डॉक्टर से चैकअप करवाया तथा डॉक्टर की सलाह पर 19 जनवरी को अस्पताल में दीक्षा को दाखिल करवाया गया था। अस्पताल के दो डॉक्टरों ने दीक्षा का ऑपरेशन किया तथा ऑपरेशन से उनके घर बेटी का जन्म हुआ।
उन्होंने बताया कि उसी दौरान डाक्टरों ने उनसे कागजात पर हस्ताक्षर लिए और कहा कि दीक्षा की हालत नाजुक है व उसकी ब्लीडिंग नहीं रुक रही। इसलिए मरीज को किसी अन्य अस्पताल रैफर करना पड़ेगा। इस पर उन्होंने रैफर लैटर उन्हें दिया व वे मरीज को लेकर मुकेरियां के एक अस्पताल में पहुंचे। लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि दीक्षा को सही इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हुई थी तथा इस मामले की जांच करके आरोपी डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। दीपक ने भावुक होते हुए कहा कि उसे तो अब दुनिया में आई नन्हीं बच्ची की चिंता है कि इसका पालन पोषण कैसे होगा।
धरने के कारण मार्ग के दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। धरने का पता चलते ही डीएसपी मुनीश कुमार तथा तलवाड़ा के थाना प्रभारी अजमेर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पीडि़त पक्ष की बात सुनी।
डीएसपी मुनीश कुमार ने बताया कि पीडि़त परिजनों ने एसएसपी साहिब को भी शिकायत भेजी है तथा पुलिस द्वारा जांच जारी है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार ऐसे केस की जांच सिविल सर्जन की अगुवाई में गठित हो चुकी है। डांच कमेटी की रिपोट आते ही उचित कारवाई होगी तथा इस बारे में पीडि़त पक्ष को जानकारी दी गई है। करीब तीन घंटे चला धरना डीएसपी मुनीष शर्मा के आश्वासन के बाद पीडि़तों द्वारा संपन्न किया गया। इस संबंधी और जानकारी मिली है कि धरने के उपरांत डाक्टर एवं पीडि़त पक्ष के बीच कोई सहमति बन गई तथा मामला शांत हुआ।