जिलाधीश ने गाँव में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण करके कोविड लक्षण वाले मरीज़ों की पहचान के दिए आदेश

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश घनश्याम थोरी की तरफ से मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा शुरू किये गए ‘कोरोना मुक्त गाँव अभियान ’ के अंतर्गत ज़िले के सभी 890 गाँवों में घर -घर जा कर सर्वेक्षण करके कोरोना वायरस के लक्षणों वाले मरीज़ों की पहचान करने के आदेश जारी किये हैं। प्रमुख सचिव हुस्न लाल के साथ वर्चुअल बैठक में पहुँच  करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि ज़िलो के सभी गाँवों में कोरोना वायरस के लक्षणों वाले मरीज़ों की पहचान करने के लिए बड़े स्तर पर स्क्रीनिंग अभियान चलाया जायेगा, जिससे समय पर इलाज किया जा सके।

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जिलाधीश ने विस्तार के साथ जानकारी देते हुए बताया कि आऊटरीच प्रोगराम के अंतर्गत फील्ड आधिकारियों की तरफ से ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर जा कर फ्लू के लक्षणों से प्रभावित लोगों की जांच की जायेगी। श्री थोरी ने बताया कि टीमों की तरफ से आक्सीजन के स्तर की जांच की जायेगी और यदि आक्सीजन का स्तर 94 प्रतिशत से नीचे आता है, तो उनका कोविड टैस्ट पाजिटिव आने पर जल्द इलाज शुरू किया जायेगा। जिलाधीश की तरफ से हर ब्लाक स्तर पर चार सदस्य समितियों जिसमें उप मंडल मैजिस्ट्रेट, सीनियर मैडीकल अधिकारी और ब्लाक विकास और पंचायत अधिकारी शामिल होंगे बनाईं गई हैं ,जिससे सरकार के दिशा निर्देशों को असरदार ढंग से लागू किया जा सके। उन्होनें स्वास्थ्य आधिकारियों को कहा कि हैल्थ और वैलनैस सैंटरों के नज़दीक गाँवों के नक्शे बनाऐ जाएँ, क्योंकि प्रशासन की तरफ से ज़िले के इस प्रकार के 172 सैंटरों में टैस्टिंग और इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रबंध किये गए हैं।

श्री थोरी ने बताया कि देहाती क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए मोबायल टीमें भी तैनात की जाएंगी ,जिससे आने वाले दिनों में अधिक से अधिक वैक्सीनेशन की जा सके। उन्होनें कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ विशेष ध्यान दिया जायेगा , क्योंकि इन क्षेत्रों में कोविड के बढ रहे मामलों सम्बन्धित रिपोर्टें सामने आ रही हैं। उन्होनें कहा कि सभी पंचायतों का इसमें सहयोग लिया जायेगा ,जिससे मौजूदा स्वास्थ्य संकट को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक जानकारी पहुंचायी जा सके। जिलाधीश ने सभी उप मंडल मैजिस्ट्रेटों को आदेश दिए कि अपने -अपने अधिकार क्षेत्र में आते इलाकों में गाँवों की स्थिति पर बारीकी से नज़र रखी जाये और घर -घर जा कर सर्वे दौरान अधिक से अधिक स्क्रीनिंग को यकीनी बनाया जाये ,जिससे स्थिति को काबू में रखा जा सके।

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