डीएम ने जारी किए आदेश , कोविड-19 टेस्ट पास होने पर ही मिलेगी बच्चों को स्कूल-कालेज में बैठकर पढ़ने की अनुमति

राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। दो दिन के बाद यानी बुधवार को सीमावर्ती जिला राजौरी के 170 सरकारी स्कूलों को साफ-सफाई के साथ व कोरोना आदेश के साथ खोलने की अनुमति दे दी गई है। संबंधित विभाग अधिकारियों को आदेश का सख्ती के साथ पालन करने को कहा गया है। डीएम राजौरी राजेश कुमार शवन ने सरकारी डाकबंगला में बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को कहा कि स्कूल, कालेज व पंचायत सतह पर कोरोना का टेस्ट करवाने का विशेष शिविर लगाएं जाएं। कोरोना टेस्ट पास बच्चे को ही स्कूल कालेज आने की अनुमति दें। पहले सिर्फ 10वीं व 12 वीं सरकारी स्कूल के बच्चों को ही अनुमति मिलेगी।

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अगले आदेश तक निजी स्कूल-कालेज रहेंगे बंद

लापरवाही करने बाले संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर बच्चे को कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो बिना डॉक्टर की अनुमति ही बच्चे को अन्य बच्चों से अलग कर दें। उसको निगरानी में रखे समय समय पर उसकी जांच करते रहें। उन्होंने कहा कि जिला के निजी स्कूल बंद रहेंगे जब तक उनके सौ प्रतिशत कोरोना टीकाकरण नहीं हो जाता , क्योंकि निजी स्कूल कालेज बाले लालच के चलते लापरवाही भी बरत सकते हैं। अगर कोई निजी शिक्षा संस्थान खुला पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई कर स्कूल को हमेशा के लिए ताला लगा दिया जाएगा। ट्यूशन सेंटर चलाने बाले भी अगर लापरवाही करते पाए जाते है तो उनके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कोरोना की जांच रिपोर्ट नेगटिव आने पर व टीकाकरण करवाने बाले कालेज व यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के लिए भी शिक्षा के सरकारी द्वार खोलने की तैयारी अभी से ही कर दें। सरकारी स्कूल कालेज में साफ सफाई के साथ पेयजल सप्लाई , बिजली व्यवस्था होनी चाहिए। डीएम शवन ने कहा कि सरकारी स्कूल की जिस टैंकी व बाथरूम में पानी नहीं है उसकी जानकारी लिखित से दें ताकि लापरवाही करने बालों पर कार्रवाई की जाए। स्कूल कालेज में एक दिन में 50 प्रतिशत ही विद्यार्थी पढ़ाई के लिए हाजिर रहेंगे। स्कूल-कालेज प्रिंसिपल व जोनल शिक्षा ऑफिसर, जिला पंचायत अधिकारी व जिन अधिकारियों की ड्यूटी सौंपी गई है। अगर लापरवाही करते पाएगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बैठक में एडीडीसी राजौरी , मुख्य चिकित्सा अधिकारी , कालेज प्रिंसिपल, जोनल , व जिला शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत , जिला सूचना अधिकारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

बतादें कि कोरोना महामारी के चलते सरकारी व निजी शिक्षा संस्थानों के दरबाजे मौजूदा प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों व विद्यार्थियों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे। पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के डर से पढ़ाई से महरूम बच्चों का भविष्य अंधकार में ढल रहा था। जिम, स्पा, सिनेमा हाल, धार्मिक स्थल व सरकारी सभाओ , व्यहा-शादी आदि कार्यक्रम की अनुमति प्रशासन ने कुछ माह पहले ही जारी कर दी गई लेकिन शिक्षा संस्थानों को खोलना उचित नहीं समझा जा रहा था , जम्मू कश्मीर के हरके कोने से यही आवाज सुनने को मिल रही थी कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करते हुए सरकारी स्कूल कालेज खोल दिये जायें। अब प्रशासन नींद से जागा और कोरोना एसओपी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। जिससे स्कूल कालेज के विद्यार्थियों में खुशी देखने को मिल रही है। सरकारी स्कूल कालेज के विद्यार्थियों ने कहा कि प्रशासन को स्कूल कालेज बंद नहीं करने चाहिये थे, स्कूल कालेज बंद रहने से व दिखावे की ऑनलाइन पढ़ाई से हमारी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है। पढ़ाई से महरूम होने से हमारे अभिवावक गहरी चिंता में हैं। जिन्हें अब सरकारी स्कूल कालेज खुलने की सूचना मिलने पर रहत मिली है।

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