ट्रैकिंग के नाम पर लाखों की लूट, सुविधा नहीं मिलने पर युवाओं ने जताया रोष, घोटाला जांच की मांग

जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), अनिल भारद्वाज: जम्मू-कश्मीर के जिला राजौरी के अंतर्गत पीरपंजाल पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को अपनी और मोह लेती है। प्रदेश व जिला के नामी ट्रेकर्स पहले से ही पीरपंजाल के प्राकृतिक सौंदर्य से भरे पड़े पहाड़ों के बीच सात झील के दर्शन कर देश के सैलानियों व प्रशासन को इस ओर ध्यानकेंद्रित करने को बढ़ावा दिए जा रहे हैं। और जब प्रशासन व संबंधित विभाग की आंख खुली तो उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत मेले के तहत लाखों के सरकारी फंड से युवाओं व क्षेत्र के तंदुरुस्त लोगों को पीरपंजाल की प्राकृतिक सात झीलों की सैर करवाने का मन मनाया जिसके लिए सरकारी फंड से कईं सप्ताह पहले ही प्रचार प्रसार शुरू कर दिया गया। इसके लिए 500 रुपए पर ऑफ़लाइन व ऑनलाइन बुकिंग जारी हो गई। प्रशासन द्वारा सभी सुविधाएं देने का पक्का वायदा किया गया। और कहा गया कि आप लोगों को पांच दिवसीय सैर करवाई जाएगी लेकिन हुआ इसका उल्ट । सैर पर निकले युवाओं के मुताबिक सरकारी बंदोबस्त जीरो रहे खाने-पीने के कोई बंदोबस्त नहीं था , दवाई का नामोनिशान तक नहीं था। सात झील नहीं यह सिर्फ ढोक तक ही सीमित रही ढोक यानी गर्मियों में खानाबदोश लोगों का पहाड़ों पर अस्थायी बसेरा स्थल ।

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पर्यटक मो. इरफान भट्टी आदि युवाओं ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सुविधा नहीं दिए जाने पर कुछ साथी निराश होकर वापस घर के लिए रुख करना पड़ रहा है। प्रशासन की तरफ से सुबह सिर्फ आधा कप चाय और एक पुड़ी दी गई उसके सिवाए अभी रात के 9 बज रहे हैं कुछ नहीं दिया गया। टेटिंग सुविधा भी नहीं। प्रशासन द्वारा रहने खाने की सुविधा उपलब्ध करने पर ही हम निकले थे। इसलिए हमने रहने खाने के लिए साथ कुछ नहीं लाया। असुविधा के कारण कईं शक्रमर्ग तो कोई बेस कैंप व ढोकों में रुक गए हैं। परेशानी बताने के लिए तीन किलोमीटर दूर नेटवर्क बाली जगह आना पड़ा है। हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं जम्मू- कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के जिला उपाध्यक्ष मुहम्मद फारूक इंकलाबी ने राजौरी पर्यटन विभाग पर राजौरी पुंछ के निर्दोष लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पर्यटन विभाग राजौरी के अधिकारियों द्वारा उन युवाओं के लिए जो इस समय दरहल से शक्रमर्ग तक ट्रेकिंग कर रहे हैं। उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई। सैकड़ों युवाओं को ट्रेकिंग के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने ट्रेकिंग से पहले जिस तरह से युवाओं को 500 रु. में हरे-भरे सुंदर पहाड़ व प्राकृतिक झीलों के दर्शन करवाने का लालच दिया था। वह मात्र कागजी कार्रवाई तक सीमित था और जमीनी स्तर पर स्थिति यह थी कि प्रशासन द्वारा चाय-खाना व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गई। फारूक इंकलाबी व ट्रेकर्स ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पर्यटन विभाग व प्रशासन के अधिकारियों ने ट्रेकिंग के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया है, जिसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने जिस तरह से गैरजिम्मेदारी का सबूत पेश किया है वह चिंता का विषय है। सरकारी व्यवस्था के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का नजारे दिखाने का झांसा देकर लोगों को परेशान करने व घोटाले में शामिल अधिकरियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।उच्च अधिकारियों व लेफ्टिनेंट गवर्नर से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

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