होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर जोधामल मार्ग स्थित संज्ञान वैदिक अध्ययन केन्द्र चतुर्वेद निकेतन में भारतीय इतिहास संकलन समिति होशियारपुर द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व अमृत महोत्सव को समर्पित गुरु तेग बहादुर जी तथा उनका जीवन दर्शन नामक विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी का शुभारंभ डा. एन.सी पण्डा द्वारा मंगलाचरण तथा उपस्थित विद्वानों के परिचय द्वारा किया गया । संगोष्ठी की अध्यक्षता समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष डा. राजेन्द्र पराशर तथा मुख्य अतिथि प्रान्तीय महासचिव डा. राजेश ज्योति तथा शशिकांत लोमश जी ने की। मुख्य वक्ता राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित डा. धर्मपाल साहिल ने गुरु तेग बहादुर जी का जीवन कलात्मक एवं दार्शनिक पक्ष नामक विषय पर पत्रवाचन किया।
पत्र में गुरु जी की शहादत का मार्मिक वर्णन करते हुए उनकी वाणी में मिहित जगत नश्वरता,त्याग,सहनशीलता, परमार्थ हेतु बलिदान तथा मन को साधना तथा प्रभु सिमरन आदि तत्वों पर विस्तार से जानकारी देते हुए गुरु जी के जीवन दर्शन को वैराग्य से त्याग की यात्रा बताया। पत्रवाचन उपरांत प्राचार्य डा. नंद किशोर, डा. राजेश ज्योति, डा. कृष्ण मुरारी, डा. शिवाधर चौबे, प्रो. कृष्णा सैनी,डा. श्याम सुन्दर शर्मा,डा. अरुणा शुक्ला,प्रो जगदीश राज शर्मा, प्रो. एन सी पंडा, जे.एस सोहल, डा. पंकज शर्मा तथा कृष्ण चौबे ने परिचर्चा में अपने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ श्याम सुन्दर शर्मा तथा जे एस सोहल ने मधुर कंठ से गुरु जी की वाणी गायन करके उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ पराशर ने डा. साहिल द्वारा पढ़े गए शोधपत्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वशांति तथा सद्भावना हेतु गुरू तेग बहादुर जी के जीवन दर्शन को अतिआवश्यक बताया। अंत में डा. पंकज शर्मा ने उपस्थित विद्वानों का धन्यवाद किया ।