कांग्रेस सरकार में खेल मंत्री रहे राणा सोढी ने थामा भाजपा का कमल, मजीठिया पर ड्रग केस में एफआईआर

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। मंगलवार पंजाब की राजनीति के लिए मंगल नहीं रहा बल्कि पार्टियों की एक दूसरे से ‘वार’ जारी है। मंगलवार की सुबह पंजाब की सियासत में 2 बड़ी खबरों ने सर्द मौसम में गर्माहट ला दी। पहली तो बिक्रम सिंह मजीठिया पर पर्चा दजऱ् करने की व दूसरी खबर पूर्व केबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के भाजपा में शामिल होने की, दोनों खबरों से पंजाब की सियासत एक बार फिर गर्मा गई।

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पंजाब के पूर्व मंत्री और गुरुहरसहाए के कांग्रेस विधायक राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस पार्टी प्रधान सोनिया गांधी को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी में चल रही कलह से खुद को परेशान बताया। फिरोजपुर के गुरूहरसहाय विधानसभा से राणा गुरमीत सिंह सोढी कांग्रेस से लगातार चार बार विधायक रहे हैं। वे 40 साल तक कांग्रेस में रहे। कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में वे खेलमंत्री थे। 2002 से लेकर 2017 तक वे गुरूहरसहाय से विधानसभा चुनाव जीतते आए हैं। सोढी मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब के हित में यह फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ही पंजाब को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को दांव पर लगा दिया है। कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि अब पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। कांग्रेस में यह अंदरूनी कलह पंजाब में खतरनाक स्थिति पैदा कर रही है।
बता दें कि नवजोत सिद्धू से विवाद के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था और पंजाब में चरणजीत चन्नी की सरकार बनी थी। इसके बाद मंत्रिमंडल भी नया बनाया गया था। इसमें कैप्टन सरकार में खेल मामलों के मंत्री रह चुके राणा सोढ़ी को कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था। चन्नी के सीएम बनने के बाद राहुल गांधी ने राणा सोढ़ी से मुलाकात भी की थी। परन्तु फिर भी हाईकमान सोढी के प्रति नरम नहीं हुई।
वहीं दूसरी ओर पंजाब सरकार विधानसभा चुनाव की घोषणा से लगभग 2 हफ्ते पहले कांग्रेस सरकार ने अचानक अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया पर ड्रग केस में एफआईआर दर्ज कर सबको चौंका दिया। कहने के लिए यह महज कानूनी कार्रवाई है, लेकिन इसके गहरे सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। राज्य के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल के साले और उनकी सांसद पत्नी हरसिमरत कौर बादल के सगे भाई हैं। ऐसे में कांग्रेस सरकार ने एक दांव से पूरे बादल परिवार को घेरने की तैयारी की है।

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