चब्बेवाल (द स्टैलर न्यूज़)। कस्बा चब्बेवाल की मंडी मटर की फसल के लिए पूरे हिंदुस्तान में जानी जाती है। इस इलाक़े के किसान इस फसल के दम पर ही अपने पूरे साल की खेती को निर्भर मानते हैं। मगर इस साल मंडी चब्बेवाल मे जैसे सन्नाटा छाया हुआ है। इसका कारण यह है कि आलू की बुआई के समय 10 सितंबर से 29 सितंबर के बीच में जो ज़ोरदार बारिशें हुई उन बारिशों ने बोई हुई आलू की फसल को नुक़सान किया जिसके कारण आलू की पैदावार काफ़ी घट गई और किसानों को भारी नुक़सान हुआ है। किसान बलविदंर सिंह, बलवीर सिंह, निर्मल सिंह, सतिंदर सिंह आदि ने बताया कि आलू की पैदावार तो घटी है मगर मटर में किसानों को ज़्यादा नुक़सान हुआ है। उन्होंने बताया कि जो मटर की बुआई बारिशों से पहले हुई थी उससे फसल की पैदावार पर बुरा असर हुआ है।
यही फसल पिछले सालों में जो तीन से चार क्विंटल प्रति कनाल पैदा होती थी इस बार वहीं फसल 70 से 80 किलोग्राम तक प्रति कनाल की पैदावार है। उन्होंने यह भी बताया कि जो मटर की बुआई बारिशों के बाद लगभग अक्तूबर में हुई है उसके लिए मौसम अनुकूल ना होने के कारण मटर लेट हो जाता है और उसका पूरा दाम नहीं मिल पाता। इस संबंध में मंडी सुपरवाईजर अमित कुमार ने कहा कि इस बार आलू मटर की फसल कम होने के कारण किसानों को तो नुक़सान हुआ ही है उसके साथ साथ मंडी बोर्ड के भी भारी नुक़सान हो रहा है। उन्होंने बताया कि फसल कम होने के कारण मार्केट फ़ीस में भी काफ़ी कमी हो रही है।