युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं स्वामी विवेकानंद: संजीव अरोड़ा

होशियापुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद की ओर से प्रधान एवं प्रमुख समाजसेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर प्रधान संजीव अरोड़ा ने स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं पर चलने की प्रेरणा दी। संजीव अरोड़ा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद चाहे केवल 39 वर्ष की आयु भोगकर इस नश्वर शरीर को छोड़ गए थे, लेकिन उनके द्वारा सनातन धर्म और देश के लिए किए कार्य अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वे युवाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में सन् 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था, जो अपने आप में एक उपलब्धि थी। इनके गुरु श्री राम कृष्ण परमहंस थे।

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संजीव अरोड़ा ने कहा कि वे केवल संत ही नहीं, बल्कि एक महान देश भक्त, वक्ता, विचारक, लेखक और मानव प्रेमी भी थे। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि केवल प्राण निकलने से ही मृत्यू नहीं होती, मरा हुआ तो वह भी है जो अपने देश, धर्म और संस्कृति पर अघात होते देखकर भी मौन है। हमें आज उनके इन विचारों को अपने जीवन में उतारने की अवश्यकता है। अरोड़ा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद मैकाले द्वारा प्रतिपादित और उस समय प्रचलित अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था के विरोधी थे, क्योंकि इस शिक्षा का उद्देश्य केवल बाबूओं की संख्या बढ़ाना था। वह ऐसी शिक्षा चाहते थे जिससे बालक का सर्वांगीण विकास हो सके। क्योंकि बालक की शिक्षा का उद्देश्य उसको आत्मनिर्भर बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना है। वह उस व्यक्ति को शिक्षित मानते हैं, जिसने कुछ परिक्षाएं उतीर्ण की हों और अच्छा भाषण दे सकता हो।

वहीं सचिव राजिंदर मौदगिल ने कहा कि स्वामी जी की एक छोटी सी जीवनी से संबंधित किताबें पढऩे से ज्ञान का समंदर प्राप्त होता है। धन्य है वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने उनके विचारों पर सभी को चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर भारत विकास परिषद की ओर से सचिव राजिंदर मोदगिल, विजय अरोड़ा,  वित्त सचिव एच.के. नाकड़ा, नरेश गुप्ता, शाखा बगा, सुरिंदर कुमार, रमन बब्बर भी उपस्थित थे।

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