सराहनीय कदम: 1 करोड़ 30 लाख से चमके जिले के सरकारी प्राइमरी स्कूल

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होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़): पंजाब सरकार की ओर से जहां प्राइमरी स्कूलों का स्तर और उंचा उठाने के लिए पूरी गंभीरता दिखाई जा रही है वही होशियारपुर के जिला प्रशासन ने एक निवेकली पहल करते हुए अपने स्तर पर प्राइमरी स्कूलों की दिख बदल कर एक नया मील पत्थर स्थापित कर दिया है। अध्यापकों के उदम तथा दानी सज्जनों के सहयोग से करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से जिले के 1150 प्राइमरी स्कूलों में रंगरोगन (वाइट वाश) करवाने के अलावा करीब 400 स्कूलों में बच्चों के देखने के लिए बड़े दर्पण (शीशे) भी लगवाए गए है। प्रशासन की ओर से किया गया यह प्रयास अपने आप में काबिले तारीफ है, जिस की चारों तरफ से प्रशंसा हो रही है।

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जिलाधीश विपुल उज्जवल की ओर से एक बैठक दौरान जिले के स्कूल मुखियों को दानी सज्जनों के सहयोग से स्कूलों की दिख बदलने के लिए उत्साहित किया गया था। इस के बाद जिलाधीश के निर्दशों तथा अध्यापकों के प्रयास से भारी संख्या में एन.आर.आइ. तथा अन्य दानी सज्जनों ने आगे बढ़ कर इस में अपना योगदान दिया । उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री पंजाब अरुणा चौधरी ने भी पिछले दिनों होशियारपुर में हुई बैठक दौरान प्रशासन के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए राज्य के बाकी जिलों को भी इस को अडाप्ट करने की अपील की थी। जिलाधीश विपुल उज्जवल ने इस संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि दानी सज्जनों की ओर से दिए गए सहयोग से जहां स्कूलों की दिख बदली है वहीं सामाजिक सांझ भी पैदा हुई है।

-जिलाधीश विपुल उज्ज्वल के प्रयासों से हुआ संभव, एन.आर.आई. और दानी सज्जनों के सहयोग से पूरा हुआ कार्य-

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उन्होंने बताया कि करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से जिले के 1150 प्राइमरी स्कूलों में रंग रोगन करवाने से स्कूलों में एक बढिय़ा माहौल भी स्थापित हुआ है। इस के अलावा जागरुकता सलोगन भी लिखवाए गए है ताकि विद्यार्थियों को दिशा मिल सकें। उन्होंने बताया कि दूसरी बड़ी बात जिस से जिले के प्राइमरी सरकारी स्कूलों में एक नए मुकाम पर पहुंचाने की कोशिश की गई है वे है करीब 400 प्राइमरी स्कूलों में बड़े शीशे लगाना। यह शीशे लगाने का उदेश्य विद्यार्थियों के भीतर एक नए रोशनी पैदा करना है ताकि वे सुबह अपने आप को शीशे में देखने तथा अपनी साफ सफाई का ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि अब बच्चे सुबह स्कूल में आने पर अपने आप को अच्छीतरह से ठीक करते है और अगले दिन और उत्साह से आ कर शीशा देखते है।

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उन्होंने बताया कि स्कूलों में बढिय़ा माहौल बनान के लिए ऐसे प्रयास भविष्य में भी जारी रखे जाएंगे। इस लिए दानी सज्जन अपने इलाके या गांव के स्कूल की दिख बदलने के लिए आगे आए। उन्होंने बताया कि कई स्कूलों के अध्यापकों की ओर से अपने स्तूर पर ही योगदान पाया गया है जिस के लिए वे बधाई के पात्र है।

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जिलाधीश विपुल उज्जवल ने बताया कि जिले की प्राइमरी शिक्षा को और बढिय़ा बनाने के लिए स्कूलों में बुनियादी सहूलियतं मुहैय्या करवाने को तरजीह दी जा रही है। उन्होंने अध्यापकों को अपील करते हुए कहा कि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई कसर बाकी न छोड़ें क्योंकि यह बच्च्चे ही देश का भविष्य है और भविष्य को संवारने तथा निखारने में अध्यापक का अहम रोल होता है। उन्होंने बताया कि प्राइमरी शिक्षा ही बच्चों की प्रारंभिक बुनियाद होती है जिस का स्टरांग होना बहुत जरुरी है। अगर अध्यापक यहीं बच्चों को तराश दे तो उनके लिए कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होगी। उन्होंने बताया कि अध्यापकों की हौसला अफजाई के लिए इस बार अध्यापक दिवस पर जिले के 50 अध्यापकों को भी जिला स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है जब कि चार अध्यापकों ने राज्य स्तरीय अवार्ड प्राप्त किया जो कि जिले के लिए बहुत मान वाली बात है।

इस मौके पर जिला शिक्षा अफसर सलविंदर सिंह ने बताया कि जिले में 1255 प्राइमरी स्कूल है जहां मेहनती अध्यापकों की ओर से बच्चों को पूरी लगन से पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों के भीतर बुनियादी सहुलियतें उपलब्ध करवाने में कोई कमी नीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि बाकी रहते स्कूलों में भी जरुरत अनुसार जल्द ही वाइट वाश करवा दिया जाएगा।

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