मातृ शक्ति के बिना संसार और संस्कृति की कल्पना करना भी व्यर्थ: संजीव अरोड़ा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद की तरफ से विश्व महिला दिवस के अवसर पर समाज में अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। प्रधान एवं प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में श्री गोपाल मंदिर कमालपुर में करवाए गए समारोह में कमलेश नैय्यर, नीलम खन्ना, नीलम ललित, सुनीता चोपड़ा, दर्शना ललित, वीना देवी एवं पिंकी मिश्रा को को सम्मान प्रदान करते हुए कार्यक्रम में पहुंचने पर उनका आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित सतीश मिश्रा ने गणपति वंदना एवं विश्व कल्याण की कामना के साथ किया गया। इस मौके पर संजीव अरोड़ा ने कहा कि मातृ शक्ति के बिना संसार की कल्पना करना व्यर्थ है और वही वह शक्ति है जो संसार एवं संस्कृति का आधार है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म ग्रंथ और संस्कृति में मातृ शक्ति को विशेष स्थान प्रदान किया गया है तथा बेटियों को जहां देवी के रुप में पूजा जाता है वहीं एक महिला माता, बहन, पत्नी के रुप में एक पुरुष की जिंदगी को रोशन करती है व यह दो घरों का चिराग होती हैं। इसीलिए कहा गया है कि बेटा पढ़े तो अकेला शिक्षित हो और अगर बेटी पढ़े तो पूरा परिवार। श्री अरोड़ा ने कहा कि भले ही आज हमारी सरकारों और समाज ने महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए हैं। लेकिन, इन सबके बावजूद आज भी कई क्षेत्रों में महिलाएं शोषण का शिकार हैं तथा जब तक विश्व के प्रत्येक कोने में एक भी महिला शोषित हो रही है तब तक हम ऐसे दिनों को सफल नहीं मान सकते। इसलिए हम सभी का यह फर्ज बनता है कि हम अपने घर से मातृ शक्ति को अधिकार और सम्मान दें। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रसन्नता हो रही है कि वह आज ऐसी मातृ शक्ति के बीच बैठे हैं जो समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत का कार्य कर रही हैं।

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भाविप ने श्री गोपाल मंदिर में महिला दिवस पर मातृ शक्ति को किया सम्मानित
इस मौके पर सचिव राजिंदर मोदगिल एवं एनके गुप्ता ने बताया कि आज सम्मानित की गई महिलाओं ने एक गृहिणी एवं कामकाजी महिला होने के साथ-साथ समाज कल्याण में अपना योगदान डालकर सराहनीय कार्य किया है तथा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक नारी ही दूसरी नारी के अधिकारों की रक्षा कर सकती है तथा जब तक नारी खुद जागृत नहीं होगी तब तक हमें और भी सुचेत रहते हुए जागरुकता संबंधी कार्यक्रम चलाने की जरुरत है। उन्होंने सम्मानित महिलाओं से आह्वान किया कि वह महिलाओं को जागृत करने में अपनी अहम भूमिका निभाएं ताकि हर घर और खुशहाल एवं समृद्ध हो सके।
सम्मानित की गई महिलाओं की तरफ से कमलेश नैय्यर ने परिषद का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज के परिवेश में महिलाओं को जागरुक होना बेहद जरुरी है। फिर चाहे वह अधिकारों की बात हो या फिर कर्तव्यों की। उन्होंने कहा कि एक महिला जिसके कंधों पर बहुत सारी जिम्मेदारियां होती हैं तथा अगर वह पूरी तरह से जागरुक है तो वह सभी जिम्मेदारियों में समन्वय बनाकर उन्हें पूरा करने में सक्षम हो पाती है। इसलिए हमें बेटियों को शिक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की तरफ भी ध्यान देना चाहिए तथा उन्हें बिना किसी हिचक घर से बाहर जाकर पढ़ाई एवं काम करने की आज्ञा देनी चाहिए। ऐसे करके ही महिला दिवस मनाने का हमारा उद्देश्य सफल माना जा सकता है। इस मौके पर राजिंदर मोदगिल, विजय अरोड़ा, कुलवंत सिंह पसरीचा, एचके नकड़ा, तिलक राज शर्मा, एनके गुप्ता, मास्टर गुरप्रीत सिंह, रविंदर भाटिया, नवीन कोहली, अमरजीत शर्मा एवं पंडित सतीश मिश्रा आदि मौजूद थे।

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