नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। रूस-यूक्रेन युद्ध के 14वें दिन यूक्रेन घुटनों के बल आ गया है। युद्ध के 14वें दिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने ऐलान किया कि यूक्रेन अब नाटो की सदस्यता नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा-वे दो अलग-अलग रूसी समर्थक क्षेत्रों (डोनेट्स्क और लुहांस्क) की स्थिति पर ‘समझौता’ करने के लिए तैयार हैं, जिसे राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने 24 फरवरी को हमला शुरू करने से ठीक पहले आजाद घोषित किया था और मान्यता दी थी। ये वही मुद्दे हैं, जिन्हें रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की जड़ माना जा रहा है। रूस को शांत करने के उद्देश्य से उन्होंने ये फैसला लिया है।
रिपोट्र्स के मुताबिक जेलेंस्की ने कहा कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। गठबंधन विवादास्पद चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है। नाटो की सदस्यता का जिक्र करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि वह ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते, जो घुटनों के बल कुछ मांग रहा हो।
रूस ने कहा है कि वह नहीं चाहता कि पड़ोसी यूक्रेन नाटो में शामिल हो। रूस नाटो के विस्तार को एक खतरे के रूप में देखता है, क्योंकि वह अपने दरवाजे पर इन नए पश्चिमी सहयोगियों की सेना नहीं चाहता है।
यूक्रेन पर हमले का आदेश देकर दुनिया को चौंका देने से कुछ समय पहले पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में स्थित डोनेट्स्क और लुहांस्क को आजाद घोषित किया था। अब पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन भी उन्हें स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे। इस संबंध में ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं।