आज जितने भी झगड़े हैं वह सब अहंकार के कारण ही हैं : साधवी दिवेशा भारती

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम नवमी के उपलक्ष्य में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं श्री राम मंदिर प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री राम मंदिर, अहियापुर में चार दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन किया गया।

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कथा के अंतिम दिवस में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साधवी सुश्री दिवेशा भारती जी ने सुंदरकांड प्रसंग के अंतर्गत भक्त हनुमान जी की जीवन गाथा को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि हनुमान जी एक गुरु की भूमिका निभा रहे हैं जो मां जानकी जी का मिलन प्रभु श्री राम जी के साथ करवाते हैं। अर्थात हनुमान जी इस दिव्य लीला के द्वारा हमें समझा रहे हैं कि मात्र गुरु ही है जो आत्मा और परमात्मा का मिलन करवा सकते हैं। श्री राम जी सेतु का निर्माण करवाते हैं। जिस पर चढक़र सारी वानर सेना लंका पहुंचती है। श्रीराम और रावण में भीषण युद्ध होता है, जिसमें रावण मरता है और श्रीराम विजय होते हैं। रावण अहंकार का प्रतीक है। आज जितने भी झगड़े हैं वह सब अहंकार के कारण ही हैं जब मानव अपने भीतर राम के दर्शन करेगा तभी अहंकार रूपी रावण का वध होगा और झगड़े समाप्त होंगे। आज का भारतीय यदि रामायण को अपने जीवन में उतारेगा तभी शांति की स्थापना हो सकती है। आज अधर्म के साए तले तमाम ऐसी कुरीतियां बुराइयां पनप रही हैं, जो एक इंसान को इंसान नहीं रहने देती बल्कि उन बुराइयों ने इंसान को एक दानव की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। आज एक बार फिर जरूरत है समाज को ऐसी अवतरित सत्ता की जो दिशा विहीन मानवीय इकाई को दिशा प्रदान करके समाज में शांति को स्थापित कर सके। महापुरुष जब धरती पर आते हैं तो उनका एकमात्र लक्ष्य होता है परम सत्य का साक्षात्कार जन-जन को करवाना वे जीवन पर्यंत इस कार्य के लिए तत्पर रहते हैं। ब्रह्म ज्ञान के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के भीतर अविनाशी आत्मा को दिखा देते हैं। यही वह संजीवनी औषधि है जिससे वे जन समाज को पाप ताप से मुक्त करते है। सभी प्रभु भक्तों के लिए लंगर की भी व्यवस्था की गई। कथा को प्रभु की श्री आरती के गायन के साथ विश्राम दिया गया।

इस अवसर पर स्वामी सदानंद स्वामी, स्वामी अशोकानंद, संगत सिंह गिलजियां, मंजीत सिंह दसूहा, दिनेश मैट्रिक्स सलून, किशन लाल पार्षद, ओम प्रकाश पुरी, सुरजीत खन्ना, त्रिलोक चावला, अरुण पुरी, बॉबी जसरा, प्रिंस नामधारी, राजन सोंधी, प्रदीप पुरी, कमल मदान किट्टू,सुरेश जैन, केवल खन्ना, सुरिंदर नरूला, पंडित सुबोध शास्त्री, हिमांशु वैद पार्षद, अनिल गोरा, विमल अरोड़ा, बलदेव राज पार्षद, पंकज सचदेवा पार्षद, राकेश बिट्टू पार्षद, बाबू रूप लाल, गुरमुख नामधारी, तरसेम लाल, भुपिंदर कलसी, सन्नी कलसी, विपिन मरवाहा, सतीश भाभू, राजू जसरा हीरापुरी, परमजीत सिंह बाबू, बबलू नामधारी, अर्जन जैन, राधा पुरी,नरेंद्र शर्मा, सतीश पासी, सुखबीर कौर, डा. सतीश रेखी, ब्रिज मोहन अरोड़ा, आशा रानी आदि सहित भारी संख्या में प्रभुभक्तों ने हाजिरी लगाई।

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