स्कूल ना जाने वाले बच्चों को लाएंगे पाठशाला

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट – गुरजीत सोनू जिला होशियारपुर में किसी कारणवश स्कूल में ना आने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में लाने की दिशा में प्रयास और तेज कर दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी एलीमेंट्री शिक्षा सलविंदर सिंह समरा ने अपने कार्यालय के कामकाजी समय के बाद ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में लाने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है जो अपना रूटीन का कार्य करने के बाद झुग्गी-झोपडिय़ों व अन्य स्थानों पर जाकर ऐसे बच्चों की शिनाख्त करेंगे। इसी संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी सांयकाल लाजवंती आउटडोर स्टेडियम के नजदीक बसी झुग्गी-झोपडिय़ों में अपनी टीम के साथ बच्चों की शिनाख्त के लिए पहुंचे ।

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इस अवसर पर उनके साथ टीम सदस्य जिला कोऑर्डिनेटर पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब हरमिंदर सिंह, ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अधिकारी होशियारपुर 1ऐ करनैल सिंह मठारू , डॉक्टर धीरज व अन्य सदस्य मौजूद थे। जिला शिक्षा अधिकारी समरा ने बताया कि शिक्षा सचिव श्री कृष्ण कुमार व जिलाधीश विपुल उज्जवल के निर्देशानुसार यह मोटिवेशनल मुहिम तेज की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत सभी बच्चों के लिए शिक्षा ग्रहण करनी अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इन झोपडिय़ों में कुछ ऐसे बच्चों के शिनाख्त की गई है जो कुछ निजी कारणों से है स्कूलों में आने से वंचित रह गए थे या फिर पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था या फिर कुछ एक बच्चों के स्कूलों में हाजरी कम थी।

ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में आकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए मोटिवेट किया गया है। उन्होंने कहा कि झोपड़ी में रहने वाले बच्चे शिक्षा ग्रहण कर बाकी बच्चों के सामान आगे बढ़ रहे हैं लेकिन जो कुछ बच्चे शिक्षा से वंचित रह गए हैं उन्हें विशेष शिक्षा प्रदान कर उनकी आयु सीमा के बाकि बच्चों के साथ आगे की शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में मुफ्त वर्दी, किताबें, भोजन, मेडिकल सुविधा, मुफ्त एजुकेशन की व्यवस्था की गई है जिसका सभी को लाभ उठाना चाहिए। समरा ने कहा कि बेहतर शिक्षा सभी के लिए जीवन में आगे बढऩे और सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है। यह आत्मविश्वास विकसित करती है और एक व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करती है।

स्कूली शिक्षा सभी के जीवन में महान भूमिका निभाती है। पूरे शिक्षा तंत्र को तीन भागों में बाँटा गया है जैसे; प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च माध्यमिक शिक्षा। सभी शिक्षा के भाग अपना एक विशेष महत्व और लाभ रखते हैं। प्राथमिक शिक्षा विद्यार्थियों को आधार प्रदान करती है, जो जीवनभर मदद करती है, माध्यमिक शिक्षा आगे की पढ़ाई का रास्ता है और उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरे जीवन में, भविष्य में आगे बढऩे का रास्ता है। हमारी अच्छी और बुरी शिक्षा यह निर्धारित करती है कि हम भविष्य में किस प्रकार के व्यक्ति बनेगें।उन्हें कहां के राइट टू एजुकेशन के माध्यम से ही आज कई झुग्गी झोपडिय़ों के बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर अच्छे मुकाम पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे इसलिए उनकी टीम ने एक विशेष अभियान छेड़ा है।

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