‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध: भगवंत मान


लुधियाना (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ‘रंगला पंजाब’ बनाने और स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए लोगों को बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और अन्य सामाजिक पक्षपात जैसी बुराईयों के खि़लाफ़ जंग शुरु करने का न्योता दिया। यहाँ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समारोह के दौरान गुरू नानक स्टेडियम में राष्ट्रीय झंडा लहराने के बाद में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सामाजिक बुराईयाँ राज्य की तरक्की और लोगों की ख़ुशहाली में रुकावट हैं। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि जब हम अपनी अथक कोशिशों के साथ राज्य में से इन बुराईयों की जड़ काट फेंकें। भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी सरकार इस महान कार्य के लिए दृढ़ संकल्प है परन्तु यह मिशन लोगों के सक्रिय सहयोग के बिना मुकम्मल नहीं हो सकता।  

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह हरेक भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का मौका है कि देश की आज़ादी और लोकतांत्रिक गणतंत्र को आज 75 वर्ष पूरे हुए हैं। देश-विदेश में बसते हरेक भारत निवासी ख़ास तौर पर पंजाबियों को इस दिवस की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक मौका है और हम खुशकिस्मत हैं, जो इस मौके के गवाह बने। भगवंत मान ने कहा कि भारत की आज़ादी का रास्ता काफ़ी लम्बी और चुनौती भरपूर था, परन्तु इस आज़ादी को बरकरार रखने की रास्ता भी उतना ही मुश्किल है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश के तौर पर हमारे मुल्क को बहुत सी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय नायकों द्वारा समर्पण और बहादुरी से स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए योगदान के साथ ही विदेशी साम्राज्यवाद की जंजीरों काटी जा सकीं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश अत्याचार के विरुद्ध लड़ाई में 80 प्रतिशत से अधिक योगदान पंजाबियों का था। भगवंत मान ने कहा कि बाबा राम सिंह, शहीद-ए-आज़म भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, करतार सिंह सराभा, दीवान सिंह कालेपानी और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे मुल्क को आज़ाद करवाने के लिए अपना ख़ून बहाया।


मुख्यमंत्री ने अफ़सोस प्रकट किया कि कुछ लोग, महान स्वतंत्रता सेनानियों के मातृभूमि के लिए दिए गए योगदान पर सवाल खड़े कर रहे हैं। भगवंत मान ने लोगों को याद करवाया कि इन महान राष्ट्रीय नायकों और शहीदों ने देश को ब्रिटिश शासन की जंजीरों से मुक्त करवाने के लिए कैसे लम्बी जद्दो-जहद की। उन्होंने कहा कि शहीदों द्वारा दिए गए योगदान पर सवाल उठाना एक घिनौना और ना-माफी योग्य अपराध है। मुख्यमंत्री ने दृढ़ता से कहा कि देश की सरहदों की रक्षा के लिए आज भी पंजाबी सबसे आगे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी देश को किसी अंदरूनी या बाहरी हमले का सामना करना पड़ा तो पंजाबियों ने हमेशा देश का नेतृत्व किया। भगवंत मान ने कहा कि यह बात जग ज़ाहिर है कि पंजाब के किसानों ने मेहनत और लगन से देश के खाद्य उत्पादन में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने चिंता प्रकट की कि आज़ादी के 75 साल बाद भी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह और बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेदकर जैसे महान राष्ट्रीय नायकों और स्वतंत्रता सेनानियों के सपने अभी भी अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी के दशकों बाद भी राज्य में आईं कई सरकारों से लोगों को बहुत बड़ी आशाएं थीं परन्तु भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी के कारण लोगों की उम्मीदों धुंधली पड़ गईं और इनमें से कई बुराईयां अभी भी राज्य में गहरी जड़ें जमाई बैठी हैं। भगवंत मान ने कहा कि इस साल के शुरू में आम आदमी सरकार के सत्ता में आना पंजाब के लोगों के लिए राहत की साँस जैसा है, क्योंकि यह सरकार न केवल राज्य के लोगों की इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने का भी प्रण लिया है।

 
सभी पंजाबियों को राज्य को फिर से ख़ुशहाल बनाने और देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए योगदान देने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल के शुरू में विधान सभा चुनाव में आम आदमी की सरकार बनाने के रूप में लोगों ने एक पौधा लगाया है, जो अब फल दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब से रोज़ाना पंजाब विकास एवं तरक्की के रास्ते पर सफलता की नई कहानी लिखेगा। भगवंत मान ने कहा कि रोजग़ार के नए अवसर सृजन किए जाएंगे और रंगला पंजाब बनाकर राज्य की पुरातन शान बहाल की जाएगी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लोगों के सक्रिय सहयोग से स्वतंत्रता सेंनानियों के सपने साकार करने के लिए शिद्दत से काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि पंजाब तरक्की और ख़ुशहाली की नई बुलन्दियां छूऐगा। आज के ऐतिहासिक मौके पर भगवंत मान ने लोगों को महान गुरू साहिबान और संतों-महापुरुषों द्वारा प्यार, शान्ति और सांप्रदायिक सद्भावना के दिखाए गए रास्ते पर चलने के लिए अपने आप को समर्पित करने और हमारे स्वतंत्रता सेंनानियों और राष्ट्रीय नायकों के सपने पूरे करने के लिए समर्पित भावना के साथ काम करने की अपील की।  


मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि राज्य को अस्थिर करने की ताक में कुछ फूट डालने वाली ताकतों के घृणित मंसूबों से सचेत रहें। उन्होंने कहा कि यह ताकतें राज्य की अमन-शांति और तरक्की को पटरी से उतारना चाहती हैं। भगवंत मान ने कहा कि चाहे पंजाब की धरती बहुत जऱखेज़ है और इस पर कुछ भी पैदा किया जा सकता है परन्तु यहाँ नफऱत और सांप्रदायिकता के बीज कभी भी नहीं अंकुरित हो सकते।  श्री गुरु नानक देव जी की वाणी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को भ्रूण हत्या के अमानवीय कृत्य से गुरेज़ करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लड़कियों को जीवन में आगे बढऩे के लिए मौका देना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि आज लड़कियाँ हर क्षेत्र में अपनी काबिलीयत का लोहा मनवा रही हैं और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में बराबर की हिस्सेदार बन रही हैं।  मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महान गुरू साहिबान ने पंजाबियों को ज़ुल्म, बेइन्साफ़ी और दमन के विरुद्ध लडऩे का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि महान गुरू साहिबान की पवित्र वाणी और जीवन ने पंजाबियों को मातृभूमि की रक्षा के लिए बेमिसाली बलिदानों के लिए प्रेरित किया। भगवंत मान ने कहा कि हमें महान गुरूओं, संतों और पीरों के दिखाए गए मार्ग पर चलकर राज्य की सेवा पूरे जोश और उत्साह से करनी चाहिए।  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंजाब की पुरातन शान को बहाल करने के लिए राज्य सरकार पहले दिन से ही सख्त प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि चाहे हमारा रास्ता काँटों से भरा हुआ है परन्तु राज्य सरकार के इरादे नेक और दृढ़ हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अम्बेदकर के आदर्शों पर चलते हुए लोगों के सहयोग से आगे बढ़ रही है।  


मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि लोगों को मानक और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार आज 75वें आज़ादी दिवस के मौके पर 75 आम आदमी क्लीनिकों को समर्पित कर रही है। उन्होंने बताया कि यह क्लीनिक लोगों को 100 के करीब क्लीनिकल टैस्टों के साथ 41 सेहत पैकेज मुफ़्त प्रदान करेंगे। भगवंत मान ने यह क्लीनिक पंजाब में स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की कायाकल्प के लिए मील पत्थर साबित होंगे।  इसी तरह मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार नौजवानों के विदेशों में जाने के रुझान को खत्म करने के लिए राज्य में शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस मकसद के लिए राज्य सरकार ने बहु-समर्थकीय पहुँच अपनाई है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एैमिनेंस’ में बदलना है। इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि आने वाले पाँच सालों के दौरान राज्य में 16 नए मेडिकल कॉलेज बनेंगे।  मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों को हरेक बिल पर 600 यूनिट मुफ़्त बिजली मुहैया करवाने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर सितम्बर महीने में कुल 74 लाख में से 51 लाख परिवारों को बिजली का ज़ीरो बिल मिलेगा। इसी तरह भगवंत मान ने कहा कि अगले जनवरी महीने में 68 लाख परिवारों का ज़ीरो बिजली बिल आएगा, जोकि राज्य के कुल घरों का लगभग 90 प्रतिशत होगा।  


मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार मत्तेवाड़ा में टेक्स्टाईल पार्क बनाने की इजाज़त नहीं देगी, जिसको लुधियाना के फेफड़े कहा जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार भारत सरकार को प्रोजैक्ट के लिए वैकल्पिक ज़मीन की पेशकश पहले ही कर चुकी है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के पर्यावरण को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।  इससे पहले मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ और राज्य के पुलिस प्रमुख गौरव यादव के साथ परेड कमांडर ए.एस.पी मनिन्दर सिंह, आई.पी.एस. के नेतृत्व अधीन परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने पंजाब पुलिस, पंजाब होम गार्डज़, पंजाब आम्र्ड पुलिस, एन.सी.सी. (लड़कियाँ और लडक़े), भारत स्काउट्स एंड गाईडज़ के अलावा पंजाब पुलिस के ब्रास बैंड और स्कूली बैंडों की 11 टुकडिय़ों द्वारा शानदार मार्च पास्ट से सलामी भी ली। इस मौके पर विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भंगड़ा, गिद्दा, ग्रुप डांस, पी.टी. शो और समूह गान समेत रंगारंग कार्यक्रम पेश किया।  इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेंनानियों और उनके परिवारों को देश के आज़ादी संघर्ष में दिए गए कीमती योगदान के लिए सम्मानित भी किया।  

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