होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। 15 जून को शिक्षा मंत्री की प्रधानगी में हुई बैठक में वेतन आनामली दूर करने के फैसले को लगूना करने तथा दूसरी मांगों का निपटारा ना करने के रोष स्वरूप शिक्षा विभाग में सर्व शिक्षा अभियान राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान मिड डे मील प्रोजेक्ट तथा स्त्रियों के तहत मुख्य कार्यालय जिला कार्यालय और ब्लॉक कैटिगरी के तहत काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा 18 अगस्त को सामूहिक छुट्टी लेकर मुख्यमंत्री के निवास के बाहर मार्च निकालकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा इस संबंधी जानकारी देते हुए निर्मला देवी, अंकुर शर्मा, वंदना ठाकुर, तमन्ना गुप्ता, वरुण जैन, गोपालकृष्णन , कंचन , दविंदर कौर , जगदीप कौर, सुखदीप कौर, अंजू सैनी, धीरज, रीना, मनजीत कौर और अन्य कर्मचारियों ने बताया कि दफ्तरों में काम करते कर्मचारियों के साथ भेदभाव करते हुए पंजाब सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान तथा रमसा के तहत काम करते 8888 अध्यापकों को 1 अप्रैल 2018 से शिक्षा विभाग में रेगुलर कर दिया गया है परंतु दफ्तरी कर्मचारियों की अनदेखी की गई है अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करते कर्मचारियों की दूरदराज जिलों में आरजी ड्यूटीआ लगा दी गई है।
तथा उनका वेतन ₹5000 से लेकर ₹6000 तक प्रतिमा कम कर दिया गया है 15 जून को शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर की प्रधान की में पंजाब सिविल सचिवालय में पैनल मीटिंग हुई जिसमें विभाग के उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे बैठक में मंत्री द्वारा विभाग के अधिकारियों के साथ विचार करने के उपरांत फैसला किया गया कि कर्मचारियों की वेतन आनामली तुरंत खत्म करके बंता वेतन जारी किया जाए परंतु 2 माह बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों की वेतन अनामली दूर नहीं हुई जिसके रोज स्वरूप 18 अगस्त को सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर संगरूर में राज्य स्तरीय मुख्यमंत्री के निवास की तरफ मार्च करेंगे अपनी मांगों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान मिड डे मील कार्यालय कर्मचारियों को वित्त विभाग की मंजूरी अनुसार 1 अप्रैल 2018 से कर्मचारियों के मौजूदा पदों अनुसार बनता पे सकेल देकर पूरे वेतन सहित रेगुलर किया जाए मिड डे मील कार्यालय कर्मचारियों के वेतन 1 अप्रैल 2019 से बंता वार्षिक लाभ दिया जाए डाटा एंट्री ऑपरेटर तथा लेखाकार की आरजे ड्यूटी ओं को तथा विभाग द्वारा बाकी 14 जुलाई 2021 को जारी पत्थर तुरंत रद्द किया जाए और खाली पदों को तुरंत भरा जाए उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों की तरफ ध्यान ना दिया गया तो वह संघर्ष को और तेज कर देंगे