मुख्यमंत्री द्वारा खेती के आधुनिक मॉडल संबंधी बोरलॉग इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़): पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज राज्य में फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा देकर किसानों का भविष्य बेहतर बनाने के लिए बासमती की सीधा बुवाई, मक्का और गेहूँ नये जैनेटिक्स, फ़सलीय विभिन्नता और खेती से जुड़ी तकनीकों संबंधी सी. आई. एम. एम. वाई. टी. और बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीसा) के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया। सी. आई. एम. एम. वाई. टी. और बीसा, मैक्सिको के डायरैक्टर जनरल डॉ. ब्राम गोवरटस के नेतृत्व में बी. आई. एस. ए. के प्रतिनिधयों के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बी. आई. एस. ए. के खेतों में बासमती की सीधा बुवाई, मक्का और गेहूँ के नयी जैनेटिक्स, फ़सलीय प्रणालियों और अन्य सफलतापूर्वक तरीके से लागू किये जा रहे हैं और यह राज्य के किसानों के लिए तकदीर बदलने वाले साबित हो सकते हैं।“

Advertisements

मुख्यमंत्री ने पानी के घट रहे स्तर पर चिंता ज़ाहिर करते हुये कहा कि समय की ज़रूरत है कि कम पानी वाली फ़सलें बोयी जाएँ जिसके लिए फ़सलीय विभिन्नता के ‘बीसा मॉडल’ को राज्य भर में अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इससे एक तरफ़ राज्य के बहुमूल्य कुदरती स्रोत पानी की बचत होगी और दूसरी तरफ़ किसानों की आय में भी विस्तार होगा। भगवंत मान ने कहा कि आज पंजाब को खेती विभिन्नता के द्वारा मुकम्मल रूप में बदलने की ज़रूरत है और इसमें बी. आई. एस. ए. अहम भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पानी बचाने और किसानों को बढ़िया और लाभदायक भाव देने के लिए उपयुक्त मंडी ढांचा मुहैया करवाने वाली पहुँच भी अपनाने की ज़रूरत है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह कोशिशें किसानों के भविष्य को संवारने में सहायक होंगी जो लगातार बढ़ते लागत खर्च और घटती आय के कारण हाशीए पर पहुँच चुके हैं। भगवंत मान ने बासमती चावलों के लिए पानी की बचत करने वाली तकनीकों को उत्साहित करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जो किसानों की आय को बढ़ाने और स्थिर रखने में मदद कर रही हैं। 

मुख्यमंत्री ने मक्का, दालें, तेल बीजों, सब्जियों, बाँस, पॉपुलर, अमरूद, किन्नू और अन्य फलों के द्वारा खेती विभिन्नता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात की सराहना की कि लुधियाना में ‘ बीसा फार्म’ मॉडल फार्म के तौर पर उभरा है जोकि किसान को साईंस और टैक्नोलोजी में नवीनतम खोजों की तरफ मार्गदर्शन करता है। बी. आई. एस. ए. के साथ राज्य सरकार की मज़बूत हिस्सेदारी का प्रस्ताव रखते हुए भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस माडल को राज्य भर में लागू करने के लिए तैयार है। इस मौके पर सी. आई. एम. एम. वाई. टी. और बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया, मैक्सिको के डायरैक्टर जनरल डॉ. ब्राम गोवरटस, सी. आई. एम. एम. वाई. टी. के एशिया के प्रतिनिधि और बी. आई. एस. ए. के एम. डी. प्रोफेसर अरुण जोशी, सीनियर वैज्ञानिक और बी. आई. एस. ए. के लुधियाना के स्टेशन इंचार्ज डॉ. उत्तम कुमार और अन्य भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here