निर्माण और विनाश अध्यापक पर ही निर्भर होता है: महेश शर्मा

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दातारपुर कर्मठ व कर्तव्य परायण अध्यापकों शिक्षकों को उनका बनता आदर देना समय की आवश्यकता है क्योंकि कोई भी समाज अच्छे गुरुओं के बिना तरक्की नहीं कर सकता। आज अध्यापक दिवस के अवसर सेंट मेरी स्कूल भटोली दातारपुर में उक्त चर्चा करते हुए एमडी महेश शर्मा ने कहा इतिहास में दर्ज है की राजा धनानंद ने चाणक्य को भिक्षा मांगने वाला साधारण ब्राह्मण कह कर ज़लील किया और अपने दरबार से निकाल दिया तो चाणक्य ने कहा था राजन अध्यापक कभी साधारण नहीं होता।निर्माण और विध्वंस उसकी गोद में खेलते हैं।राजनीति के ज्ञाता चाणक्य का यह कथन अपमानित होकर गुस्से में कहा गया कवल एक आम वाक्य नहीं था, बल्कि उसने इसे सिद्ध कर दिखाया था। साधारण से बालक चंद्रगुप्त को शिक्षित कर चाणक्य ने नंद वंश का नाश किया और चन्द्रगुप्त को राजगद्दी पर बिठा दिया था। इस अवसर पर प्रिंसिपल पूजा शर्मा ने कहा एक विद्यार्थी, एक अच्छा शिक्षक तथा एक पुस्तक, एक कलम पूरी दुनिया को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा अध्यापक कुछ घंटों की पढ़ाई में पूरे जीवन का सबक देता है।

Advertisements

अपने माता पिता के आश्रय से बाहर निकलने के बाद बच्चा ज्ञान के मंदिर या विद्यालय अथवा स्कूल में जाता हैं। इस ज्ञान के मंदिर में गुरु लोग ज्ञान का प्रकाश जगाने और प्रसारित करने का काम करते है। अच्छे व्यक्ति, अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र के लिए अच्छी शिक्षा का होना ज़रूरी है और उसी तरह सही शिक्षा के लिए सद्गुरु की आवश्यकता है। उन्होंने कहा हमारे देश के जितने भी प्रबुद्ध नागरिक हैं जो एक आम आदमी से लेकर राष्ट्राध्यक्ष तक हैं कितने भी महान हों कितने भी बड़े हों सभी के पीछे अध्यापक का ही हाथ होता है। इसलिए अध्यापक का सम्मान करना जरूरी है। साथ ही एक आदर्श अध्यापक के लिए भी वो क्षण सबसे सुखद होता है जब वो कक्षा से बाहर आकर खुद से कह पाता है कि आज उसने किसी छात्र को बेहतर बनने में मदद की। अच्छे अध्यापक का मां-बाप से भी ऊंचा दर्जा है। इस अवसर पर ऋतु, ममता, सुकन्या, मनवीर, मीनाक्षी,सुगंधि, पूजा रानी, सपना,नेहा,शालू,कल्पना,अरुणा, रेनू, कुलदीप उपस्थित थे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here