जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही है रासलीला: आचार्य धीरज

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर एकता नगर में चल रही श्री मद्भागवत कथा के छठे दिन आचार्य धीरज कृष्ण शास्त्री ने महारास लीला का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि जीव और ब्रह्म का मिलन ही महारास है। रास का तात्पर्य परमानंद की प्राप्ति है, जिसमें दु:ख, शोक आदि से सदैव के लिए निवृत्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ। कथा सुनाते हुए आचार्य धीरज ने कहा कि पंचगीत भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुर जी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव से पार हो जाता है तथा उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है।

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रास जीव का ब्रह्म से मिलन की कथा है, काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस दौरान उन्होंने मथुरा अक्रूर गमन, कंस वध एवं द्वारिका की स्थापना के अलावा श्री कृष्ण रुक्मणि विवाह प्रसंग सुनाया। इस मौके पर निखिल गुप्ता एवं रेणु गुप्ता मुख्य यजमान के तौर पर उपस्थित हुए। इस अवसर पर अन्य के अलावा प्रधान रमेश अग्रवाल, महासचिव तरसेम मोदगिल, नगर सुधार ट्रस्ट होशियारपुर के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट राकेश मरवाहा, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा, मुकेश डावर मिंटू, मोहन लाल पहलवान, विकास सिंगला, सतीश अग्रवाल, संजीव सर्राफ, विजय सेठ, योगेश गुप्ता, रोहित जोशी, राजेन्द्र मोदगिल, मुकेश डाबर, कमल वर्मा, पव शर्मा, ठाकुर मक्खन सिंह, अश्विनी छोटा, अशोक शर्मा, सुभाष अग्रवाल, नील शर्मा, मनोज दत्ता, जगदीश हरजाई, दविंदर वालिया गुरुजी, विशाल वालिया, नीना शर्मा, धर्मेंद्र शर्मा, शभुभ अग्रवाल, शोभन सिंह, राजीव शर्मा, रमेश गम्भीर इत्यादि मौजूद थे।

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