गवर्नर तथा अदालतों जैसी संवैधानिक संस्थाओं के फैसले पर प्रश्न चिन्ह लगाना “आप” की अराजकतावादी सोच का परिणाम; तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वरिष्ठ  भाजपा नेता व पूर्व संसदीय कार्य  कैबिनेट मंत्री  तीक्ष्ण सूद के कार्यालय से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी माननीय गवर्नर तथाअदालतों  जैसी सविधानिक  संस्थाओं के फैसलों पर प्रश्न चिन्ह लगाकर अपनी अराजकताबादी  राजनीतिक सोच का परिचय दे रही है व गलत तथ्यों के आधार पर पंजाब की जनता को गुमराह करने की कोशिशें रच रही हैं। उन्होंने कहा  कि आम आदमी पार्टी की प्रशासनिक असफलताओं के कारण 6 महीने में सरकार द्वारा लिए गए सभी फैसले या तो सरकार को खुद रद्द करने पड़े या अदालतों ने उन पर रोक लगा दी।

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गत दिवस आम आदमी पार्टी की प्रशासनिक अक्षमता के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब को 2080 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया, इसमें भी आम आदमी पार्टी माननीय ट्रिब्यूनल की भाजपा के साथ मिलीभगत बता कर उस सांविधानिक संस्था का अपमान  कर रही है। 27  सितंबर को आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा  रखे विधानसभा इजलास के प्रोग्राम के बारे में गवर्नर द्वारा पूछने पर भी आम आदमी पार्टी माननीय गवर्नर को कटघरे में खड़ा कर रही है, जबकि तथ्य यह है कि सरकार का  विधानसभा सत्र बुलाने के लिए जो प्रस्ताव मंत्री मंडल से  पास होता है उसका प्रस्ताव का एक हिस्सा  सत्र के दौरान चलने वाली  कार्रवाई को विस्तार से बताना भी होता है।  माननीय गवर्नर द्वारा 22 तरीख का सैशन कैंसिल करने के बाद आम आदमी पार्टी फिर  पिछले दरवाजे सेपवित्र  विधानसभा के प्लेटफार्म का शुद्ध  राजनीतीक  लाभ के लिए करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भगवंत मान व राघव चड्डा बिना कानून पढ़े ही  लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि विधानसभा सत्र में कार्यक्रम स्पीकर तथा बिज़नेस एडवाइजरी  कमेटी तैयार करती है, जो कि बिल्कुल गलत है।  यह सरकार का ही कर्तव्य है कि विधानसभा सत्र बुलाने के साथ ही सत्र के पूरे कार्यक्रम का ब्यौरा कैबिनेट द्वारा पास करवा कर भेजा जाए।  अपनी गलती पर भी उच्च संवैधानिक संस्थाओं का  अपमान कर के  आम आदमी पार्टी संविधान तथा लोकतंत्र का बार-बार अपमान  कर रही है। 

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