मुख्य सचिव द्वारा पराली जलाने की घटनाएँ को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की हिदायतें

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के प्रयासों के तहत आज मुख्य सचिव विजय कुमार जंजूआ ने पराली जलाए जाने वाले संभावित क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने की हिदायतें दी हैं। पिछले दिनों के दौरान सभी ज़िलों का दौरा करके आए सचिव इंचार्जों से पराली जलाने की घटनाओं का जायज़ा और स्थानीय स्तर की स्थिति के अनुसार सुझाव लेते हुए मुख्य सचिव ने पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने के लिए नम्बरदारों की ज़िम्मेदारी तय करने की हिदायत भी दी है। उन्होंने कहा कि नंबरदार किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करें और जिन गाँवों में आग लगाने के मामले सामने आते हैं, वहाँ के नम्बरदारों की जवाबदेही तय की जाए।  

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यहाँ पराली प्रबंधन के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हिदायत दी कि अगले दिनों के दौरान पराली जलाने की घटनाएँ रोकने के लिए ज़्यादा ध्यान दिया जाए और आग लगाने की घटनाओं को नियंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाने वाले हॉट-स्पॉट्स पर ज़्यादा फोकस किया जाए और जिन गाँवों में पिछले सालों के दौरान नाड़ को आग लगाने के मामले सामने आते रहे हैं, वहाँ प्रशासन ज़्यादा चौकसी करे। इसके साथ ही पराली को आग लगाने वाले स्थानों की निजी और सैटेलाइट वैरीफिक़ेशन ज़्यादा पुख़्ता तरीके से की जाए। उन्होंने पराली को आग लगाने की घटनाओं की निजी और सैटेलाइट वैरीफिक़ेशन विधि के द्वारा संख्या में भिन्नताओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि अधिकारी पंजाब रिमोट सेंसिंग सैंटर द्वारा ऑप्टिकल सैटेलाइट डेटा विश्लेषण के ज़रिये हासिल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करें।  

ज़िलों का दौरा करके आए सचिव इंचार्जों ने मुख्य सचिव को अवगत करवाया कि राज्य में आग लगाने की घटनाओं में गिरावट पाई जा रही है। उन्होंने बताया कि 27 अक्तूबर 2021 तक पराली जलाने वाला क्षेत्रफल 400.35 हज़ार हेक्टेयर था, जो 26 अक्तूबर 2022 तक कम होकर 295.60 हज़ार हेक्टेयर रह गया है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पराली ना जलाने के लिए किसानों को अधिक से अधिक जागरूक करना सुनिश्चित बनाने के आदेश भी दिए। उन्होंने हिदायत की कि ठेके पर दी गईं सरकारी ज़मीनों में पराली जलाने की घटनाएँ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।   उन्होंने समूह डिप्टी कमिश्नरों को अपने-अपने ज़िलों में पराली को लगी आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाडिय़ाँ प्रयोग में लाने के आदेश भी दिए। गुरदासपुर ज़िला प्रशासन की ऐसी पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी पराली को आग लगाने की घटना सामने आती है तो तुरंत फायर ब्रिगेड की गाडिय़ाँ भेजकर आग को बुझाया जाए और आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाए।  

पराली को खेतों में मिलाने और खेतों से बाहर प्रबंधों सम्बन्धी जायज़ा लेते हुए मुख्य सचिव ने गाँवों के कलस्टर स्तर पर पराली की गाँठों के प्लांट लगाने की संभावनाएं खोजने के लिए भी अधिकारियों को हिदायत दी। उन्होंने कहा कि इससे पराली के तुरंत प्रबंधन में सहायता मिलेगी।   बता दें कि मुख्य सचिव द्वारा पिछले दिनों 23 सीनियर आई.ए.एस. अफसरों को सभी 23 ज़िलों का सचिव इंचार्ज नियुक्त किया गया था, जो हर स्थिति पर नजऱ रख रहे हैं और ज़रूरत के अनुसार ज़िला प्रशासन को निर्देश दे रहे हैं। इसके अलावा मुख्य सचिव द्वारा पराली को आग लगाने के मामलों को रोकने के लिए हर हफ़्ते गहराई से समीक्षा की जा रही है।   मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की सारी मशीनरी इस बात के लिए यत्नशील है कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं में बहुत ज़्यादा कमी लाई जाए। उन्होंने दोहराया कि जो किसान पराली नहीं जलाते, डिप्टी कमिश्नर ऐसे किसानों का ज़िला स्तर पर विशेष सम्मान करना सुनिश्चित बनाएं, जिससे और किसान भी उनसे प्रेरणा ले सकें।

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