झूठा केस डालने का मामला: अदालत ने डी.एस.पी. लखबीर, ए.एस.आई. प्रदीप व सतीश को किया तलब

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होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। झूठे केस में फंसाने के आरोप में माननीय अदालत ने डी.एस.पी. लखबीर सिंह, ए.एस.आई. प्रदीप कुमार व सतीश कुमार पर धारा 193 के तहत कार्रवाई करते हुए 1 नवंबर को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए हैं।

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जानकारी अनुसार थाना माडल टाउन में तैनात एक ए.एस.आई. प्रदीप कुमार (उस समय हवलदार था) ने एक तरफा प्यार में विवाहिता राजबीर के पति विक्रम सिंह उर्फ सोनू पर झूठी कार्रवाई करते हुए 2 फरवरी 2014 को मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था तथा विक्रम पर उसने चिट्टे का केस भी डाल दिया था। इस दौरान विक्रम को करीब 7 माह जेल में भी रहना पड़ा। मामले की सुनवाई करते हुए माननीय अदालत ने माना कि पुलिस द्वारा घड़ी गई कहानी पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठी है तथा केस की सुनवाई करते हुए 10 अक्तूबर 2017 को माननीय अदालत ने विक्रम को बरी कर दिया था।

झूठे केस में फंसाने के मामले में अदालत ने धारा 193 के तहत कार्रवाई करते हुए 1 नवंबर को पेश होने के जारी हैं किए आदेश

माननीय अदालत ने पुलिस द्वारा विक्रम को झूठे केस में फंसाने का कड़ा संज्ञान लेते हुए धारा 193 के तहत डी.एस.पी. लखबीर सिंह (तत्कालीन इंस्पैक्टर), ए.एस.आई. प्रदीप कुमार (तत्कालीन हवलदार) तथा ए.एस.आई. सतीश कुमार (तत्कालीन हवलदार) को 1 नवंबर को अदालत में तलब किया है।

क्या था मामला:-

मीडिया को जानकारी देते हुए एडवोकेट सर्वजीत सिंह ने बताया कि विक्रम सिंह के पिता तथा राजबीर कौर की मां पुलिस में नौकरी करते थे तथा दोनों के परिवार पुलिस लाइन होशियारपुर में रहते थे। राजबीर के घर के समीप ही इंस्पैक्टर लखबीर सिंह का घर था तथा हवलदार प्रदीप लखबीर के पास आया जाया करता था। इसी दौरान उसने राजवीर को देखा और उससे एकतरफा प्यार करने लगा। दूसरी तरफ राजवीर और विक्रम ने 17 नवंबर 2005 में लव मैरिज कर ली। इसके बाद प्रदीप कुमार अकसर राजवीर का पीछा करके उसे तंग परेशान करने लगा। जनवरी 2014 में वह राजबीर के स्कूल पहुंच गया जहां वे पढ़ाती थी तथा छुट्टी के समय राजवीर से मिला और उसे प्रपोज कर दिया। राजवीर के मना करने पर प्रदीप कुमार उसे देख लेने की धमकियां देता हुआ चला गया।

30 जनवरी 2014 को प्रदीप कुमार कुछ पुलिस वालों को साथ लेकर राजवीर व विक्रम के घर पहुंचा और हत्या के मामले में फंसाने की धमकी देकर 2 लाख रुपये की मांग करने लगा। परिवार ने जान छुड़ाने के लिए उसे 75 हजार रुपये उसी समय दे दिए, परन्तु प्रदीप, राजवीर के पति विक्रम को साथ ले गया। विक्रम को छोडऩे के लिए राजवीर ने बहुत मिन्नतें की मगर प्रदीप ने उनकी एक न सुनी। इसके बाद 2 फरवरी 2014 को पुलिस ने रहीमपुर चौक से विक्रम की गिरफ्तारी दिखा दी थी और रिपोर्ट में लिखा था कि विक्रम से 556 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ है। माननीय अदालत में सुनवाई के दौरान कई लोगों ने इस बात को लेकर हलफिया बयान दिया था कि पुलिस विक्रम को उसके घर से लेकर गई थी।
अदालत में सुनवाई के दौरान पुलिस द्वारा घड़ी गई कहानी एक के बाद एक झूठ एवं निराधार साबित हुई।

जिस पर अदालत ने विक्रम को बरी करते हुए धारा 193 के तहत डी.एस.पी. लखबीर सिंह, ए.एस.आई. प्रदीप कुमार और सतीश कुमार को 1 नवंबर को अदालत में तलब किया है।

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