मुख्यमंत्री ने जताई उम्मीद: विधानसभा में मानक बहस और संसदीय कार्य के लिए विशेष ओरिएंटेशन प्रोग्राम मार्गदर्शन का काम करेगा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्त की कि राज्य के विधायकों के लिए करवाया जा रहा विशेष ओरिएंटेशन प्रोग्राम आने वाले सत्रों के दौरान पंजाब विधान सभा में मानक बहसों और संसदीय कामकाज के लिए मार्गदर्शन का काम करेगा।  

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यहाँ पंजाब विधान सभा में ओरिएंटेशन प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र के दौरान संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेमिसाल पहल विधान सभा के कामकाज में बेहतरीन बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों ने बड़े जनादेश से विधायकों को जिताया है और उनको चुने हुए प्रतिनिधियों से बहुत आशाएं हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन आशाओं की पूर्ति तभी हो सकती है, अगर विधायक बहसों और कानून बनाने की प्रक्रिया में सक्रियता से हिस्सा लें।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि समय आ गया है, जब राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों को अपने मतभेद भुलाकर राज्य के हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की राजनीतिक पार्टियाँ और वहाँ के लोग अपने राज्यों के साझे कार्यों के लिए एकजुट होते हैं, परन्तु पंजाब में इस तरह की एकजुटता नहीं है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य के मसलों का जल्द समाधान सुनिश्चित बनाने के लिए यह समय की मुख्य ज़रूरत है।  

केंद्र सरकार द्वारा राज्य को आवंटित कोयला खान से समुद्री रास्ते के द्वारा कोयला लाने के दोषपूर्ण फ़ैसले की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का यह मनमाना फ़ैसला तर्कहीन है। उन्होंने कहा कि राज्य इस कोयले का प्रयोग धान की फ़सल पैदा करने के लिए करता है, जिसका देश का अन्न भंडार भरने में अहम भूमिका है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को कोयले की ढुलाई का अधिक ख़र्च उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो ग़ैर-वाजिब और असहनीय है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में लोग सबसे ऊपर हैं और सरकार लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार के स्थापित किए हुए कुछ प्रतिनिधि राज्य के मामलों में काँटे बिछा रहे हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भगवंत मान ने कहा कि इन स्थापित किए हुए व्यक्तियों को लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों के काम में काँटे बिछाने की जगह अपने अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी राजनीति से दूर नहीं रहते और वह अपने से सम्बन्धित राजनीतिक माहौल में सक्रियता से हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को लीडरशिप का गुण विरासत में मिला है, जिसका अंदाज़ा इस बात से सहज ही लगाया जा सकता है कि उन्होंने विदेशों में भी अपने लिए अलग जगह बनाई है। भगवंत मान ने कहा कि पंजाबियों को कनाडा, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और अन्य मुल्कों के राजनीतिक क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभाते हुए देखा जा सकता है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में पंजाब ही ऐसा एकमात्र राज्य है, जिसकी जड़ें दुनिया भर में फैली हुई हैं, क्योंकि पंजाबी हरेक मुल्क में छाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पंजाब विधान सभा सत्र का सीधा प्रसारण होता है, जिस कारण विधायकों पर बड़ी जि़म्मेदारी है। भगवंत मान ने कहा कि सारा विश्व हमारी ओर देख रहा है और सभी सदस्यों की यह जि़म्मेदारी बनती है कि वह विधान सभा में बहसों के दौरान विवरण बनाकर रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे अलग-अलग रंगों का गुलदस्ता सुंदर और मनमोहक लगता है, उसी तरह लोकतांत्रिक ढांचे में विरोधी और सत्ताधारी बैंच दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी और सत्ताधारी पार्टियाँ सेहतमंद लोकतंत्र की अहमीयत को दिखाती हैं। भगवंत मान ने कहा कि इन दोनों पक्षों को सदन में मानक विचार-चर्चा के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों द्वारा असरदार ढंग से बहस करने के लिए तैयारी करनी बहुत ज़रूरी है और सभी विधायकों को सदन में पूरी तैयारी के साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जिन कुर्सियों पर आज वह बैठे हुए हैं, इन कुर्सियों पर वह महान शख्सियतें भी बैठा करती थीं, जिन्होंने राज्य की तकदीर बदल कर रख दी। भगवंत मान ने कहा कि विधायकों को नई दिल्ली में संसद म्युजिय़म का दौरा करके लोकतंत्र की महान विरासत के बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए।  

मुख्यमंत्री ने लोग सभा की तरह यहाँ भी विधायकों के लिए मैंबजऱ् रैफरैंस सेवा शुरू करने का सुझाव दिया, जिससे विधायकों को लोगों के मसले और अधिक प्रभावशाली ढंग से उठाने में मदद मिलेगी। भगवंत मान ने विधायकों के साथ लोग सभा में बतौर संसद मैंबर अपने तजुर्बे भी साझे किए।  

इससे पहले पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने आज के विशेष प्रोग्राम में शिरकत करने वाले सभी आदरणीयों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह प्रोग्राम बहस के मानक और सदन की कार्यवाही में सुधार लाने में मददगार साबित होगा। कुलतार संधवां ने कहा कि यह सैशन केवल विधायकों के लिए ही नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के लिए भी लाभप्रद साबित होगा।  

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने कहा कि यह प्रोग्राम पहली बार चुने गए विधायकों के साथ-साथ बाकी विधायकों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह रास्ते से एक तरफ़ हटकर प्रयास भविष्य में राज्य के लिए भी लाभप्रद होगा। डॉ. निज्जर ने विधायकों से अपील की कि इन सैशन में माहिर कीमती विचार पेश करेंगे और वह इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं।

अपने संबोधन में विरोधी पक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सुझाव दिया कि विधायकों के ग्रुप बनाकर उनको कानूनी सहायकों की सेवाएं प्रदान करनी चाहीए हैं। उन्होंने कहा कि इस कदम से विधायकों को अपने सरोकार सदन में पेश करने के लिए ज़रुरी दस्तावेज़ या अन्य सम्बन्धित जानकारी जल्द से जल्द मिल सकेगी। प्रताप सिंह बाजवा ने विधान सभा के स्पीकर द्वारा यह सैशन करवाने की सराहना करते हुए सदन के रचनात्मक कामकाज की वकालत की।  

इस मौके पर विधान सभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण रोड़ी ने सबका धन्यवाद किया। इस दौरान स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने मुख्यमंत्री और अन्य शख्सियतों को सम्मानित किया।

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