भारत सरकार और पंजाब सरकार उत्तर दे सिमरनजीत सिंह मान की देशविरोधी गतिविधियों का पहले ध्यान क्यों नहीं रखा?

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। बहुत देर से यह समाचार मिलता था कि जो लोग विदेश जाने के लिए वीजा पासपोर्ट आदि का प्रबंध नहीं कर पाते उनका सबसे बड़ा सहायक सिमरनजीत सिंह मान है। उसकी सिफारिशी चिट्ठी के साथ वह सारे काम हो जाते थे जो सही ढंग से करवाना मुश्किल है और सारी कानूनी प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाते हुए सिमरनजीत सिंह मान की चिट्ठी लोगों को विदेश भेजने में सहायक हो जाती। अब तो सिमरनजीत मान खुद ही बोल पड़ा है कि उसने हजारों लोगों को विदेशों में वीजा लेकर दिया है, बसाया है।

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उन सरकारों को यह समझा दिया है कि खालिस्तानी होने के कारण इन लोगों को पंजाब में जान का खतरा है। मान ने यह भी मान लिया कि वे यह सारा काम रुपये यूं कहिए रिश्वत लेकर करते हैं। उन्होंने यह कह दिया है कि बाकी सब पार्टियां भी चंदा इकट्ठा करती हैं। मैं पार्टी चलाने के लिए इसी ढंग से रुपये लेता हूं। मान ने संविधान की शपथ लेकर भी संविधान के विरुद्ध काम किया। अब तो सरकार को न जांच की जरूरत है, न कोई प्रमाण ढूंढने की। सिमरनजीत के खुद ही अपना दोष स्वीकार करने के बाद भी क्या यह सरकार उसे उचित दंड नहीं देगी।

यह तो देश के विरोध का काम है, जो करने के बाद वह सरेआम घोषणा करता है। सिमरनजीत ने तो अपना काम कर दिया, अब देखना है कि भारत सरकार क्या एक्शन लेगी। जो स्वयं ही स्वीकार कर रहा है कि वह देश से दुश्मनी कर रहा है, क्या उस पर कोई गंभीर  सुरक्षा कानून नहीं लगना चाहिए?

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