होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार की अध्यक्षता में आज सिविल सर्जन दफ़्तर के ज़िला सिखलाई केंद्र में लोगों को रेबीज की बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व रेबीज दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में अपने विचार साँझा करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि रेबीज एक संक्रमित जानवर के वायरस से फैलने वाली जानलेवा बीमारी है।इस बीमारी से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण है। देश में रेबीज से हर साल करीब 20 हजार मौतें होती हैं।इस बीमारी के प्रति सचेत रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जिले में जिला अस्पताल होशियारपुर, सिविल अस्पताल गरशंकर, दसूहा और मुकेरियां सहित कुल 15 टीकाकरण केंद्र हैं जहां एंटी-रेबीज टीके उपलब्ध हैं। जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह ने बताया कि यह बीमारी कुत्ते के काटने के अलावा संक्रमित बिल्ली, बंदर, गधे और चमगादड़ से भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जानवर के काटने पर घाव को 15 मिनट तक बहते पानी के नीचे धोना चाहिए, घाव पर टांके नहीं लगाने चाहिए, घाव को खुला रखना चाहिए तथा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर यथाशीघ्र टीकाकरण कराना चाहिए। विस्तृत जानकारी साझा करते हुए डॉ. जगदीप ने बताया कि रेबीज वायरस मानव तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और एक बार यह बीमारी हो जाने पर इसका इलाज संभव नहीं है। इसलिए संक्रमित जानवर के काटने पर सही समय पर संपूर्ण टीकाकरण कराना चाहिए। ये इंजेक्शन काटने के 0वें, तीसरे, 7वें और 28वें दिन लगाए जाते हैं। जो लोग जानवरों को संभालते हैं या उनकी देखभाल करते हैं उनमें इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है।
उन्हें पशुओं के साथ-साथ अपना टीकाकरण भी कराना चाहिए। यदि किसी का रेबीज के खिलाफ पूरी तरह से टीकाकरन हुआ है, तो जीवन में कुत्ते या किसी अन्य जानवर के काटने पर केवल बूस्टर डोज़ ही लगाई जाती है। संक्रमित जानवर की लार में भी वायरस होता है। वायरस किसी व्यक्ति के एक छोटे से कट के माध्यम से रक्त में पहुँच कर बीमारी फैला सकता है ।डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर डॉ. तृप्ता देवी ने कहा कि इस बीमारी का एकमात्र इलाज जागरूकता और टीकाकरण है। ऐसे में घाव पर काली मिर्च लगाना, लूँ निकालना और मरहम लगाना जैसे घरेलू उपायों से बचना चाहिए। यथाशीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए। सिविल सर्जन द्वारा रेबीज से संबंधित एक पोस्टर भी जारी किया गया।इस अवसर पर एचआई जसविंदर सिंह और विशाल पुरी उपस्थित थे।