आपदा प्रबंधन की जानकारी से कम हो सकता है नुकसान: संदीप सूद       

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल अज्जोवाल में स्कूल इंचार्ज लेक्चरर शरणदीप कौर की देखरेख में आपदा प्रबंधन विषय पर बच्चों के पेंटिंग मुकाबले करवाए गए| इस उपरांत करवाए गए सेमिनार को संबोधित करते हुए लेक्चरर संदीप कुमार सूद तथा मैडम अर्चना ने कहा कि आपदा  आज मानव समाज को प्रभावित कर रही है। आपदा  मानव निर्मित भी हो सकती है अथवा प्राकृतिक भी। इससे मानव के साथ-साथ जानवरों तथा जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंचता है|

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हम देखते आ रहे हैं कि प्राकृतिक आपदा का रूप बदलता रहता है। नवीनतम विश्व आपदा रिपोर्टों के मुताबिक आपदा की संख्या बहुत आवृत्ति और तीव्रता से बढ़ रही है। आए दिन हम आपदाओं जैसे वनों की आग, भूकंप, सूखे, बाढ़, दुर्घटना, चक्रवात, भूस्खलन, विमान दुर्घटना के बारे में सुनते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इन पर किसी का जोर नहीं चलता| लेकिन जानकारी के माध्यम से हम इनसे होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं | प्रौद्योगिकी की उन्नति के साथ-साथ आपदाओं के प्रभाव में भी बदलाव आया है। जब कोई आपदा आ जाती है तो यह लोगों के लिए बड़ी परीक्षा का समय होता है तथा तभी मनुष्य द्वारा इस ओर की गई तैयारियों की असलियत पता चलती है। विकसित और विकासशील देशों के मामले में यह सच है।

बाढ़, सूनामी, तूफान, चक्रवात आदि ने दुनिया भर में अब तक कई जिंदगियों को खत्म किया है।आपदा प्रबंधन उन खतरे से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है जो आपदा के दौरान, उससे पहले और बाद में होते हैं। आपदा प्रबंधन एक बीमारी का इलाज करने के लिए दवा लेने जैसा है। आपदा भी महामारी रोगों या औद्योगिक विफलताओं जैसे भोपाल गैस त्रासदी या फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र की मुसीबत आदि जैसी हो सकती हैं। ये सभी मानव जीवन के लिए बेहद खतरनाक हैं। उन्होंने कहा कि आपदा न केवल चीजों को तबाह कर लोगों को नुकसान पहुंचाती है बल्कि यह लोगों के भावनात्मक आघात का कारण भी बनती है।आपदा की स्थिति में हालातों को काबू में करने के लिए उचित तैयारी आवश्यक है। प्रभावी तंत्र पूरी तरह से प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। 

उचित जानकारी पुनर्वास और आपदा प्रबंधन में मदद करती है और जीवन और संपत्तियों के नुकसान को कम करने में सहायता करती है | यद्यपि आपदा आप को अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर समझदारी से काम करने से परेशान कर सकती है परन्तु धीरज रख आप उन संकटों को कम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा या विपत्ति की स्थिति में सतर्क रहें और एक-दूसरे की मदद करें। इस मौके पर देवकी रानी, किशोर लाल, रणजीत कौर, राजेंद्र कौर, तथा स्मृति कश्यप भी उपस्थित थे |

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