होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत विकास परिषद की तरफ से नेत्रदान जागरुकता कार्यक्रम के तहत मोहल्ला कमालपुर में हरीश सलूजा के निवास स्थान पर सैमीनार करवाया गया। प्रधान राजिंद्र मोदिगल की अगुवाई में करवाए गए सैमीनार में मोहल्ला निवासियों ने भाग लिया और नेत्रदान संबंधी जानकारी हासिल की। इस मौके पर परिषद के प्रांतीय कनवीनर (नेत्रदान) संजीव अरोड़ा एवं भाजपा नेता मास्टर कृष्ण अरोड़ा विशेष तौर से पहुंचे। इस अवसर पर नेत्रदान संबंधी जानकारी देते हुए संजीव अरोड़ा ने कहा कि नेत्रदान संबंधी व्याख्यान हमारे शास्त्रों में भी मिलता है तथा यही एकमात्र दान है जो मानव द्वारा मरणोपरांत करना होता है।
मृत्यु अटल है और इस सत्य से हम सभी भलीभांति परिचित हैं। इसलिए जीते जी जहां हमें मानव सेवा करनी चाहिए वहीं मरणोपरांत नेत्रदान करके किसी की अंधेरी जिंदगी को रोशने करने का पुण्य कार्य अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर मास्टर कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि भारत विकास परिषद द्वारा नेत्रदान जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरुक करने का जो अभियान चलाया गया है उसमें सभी को सहयोग करना चाहिए और नेत्रदान प्रणपत्र जरुर भरना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तो सरकारें भी इस मुहिम को आगे बढ़ने के लिए आगए आईं हैं। इस अवसर पर प्रधान राजिंद्र मोदगिल ने नेत्रदान प्रणपत्र भरने तथा मरणोपरांत सूचना मिलने पर नेत्रदान लेने की प्रक्रिया की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नेत्रदान प्रणपत्र भरने वाले के देहांत उपरांत उनी इच्छा अनुसार जब कोई परिवार संस्था को सूचना देता है तो संस्था की टीम माहिर डाक्टरों को साथ लेकर वहां पहुंच जाती है और डाक्टर 15-20 मिनट की प्रक्रिया के तहत आंखें दान ले लेते हैं, जोकि दो कार्निया ब्लाइंडनैस पीड़ितों को लगाई जाती हैं ताकि एक व्यक्ति की आंखों से दो लोग देख सकें। इस दौरान हरीश सलूजा एवं उनकी धर्मपत्नी निर्मल सलूजा के अलावा हिमांशू एवं नीलम कुमारी ने नेत्रदान प्रणपत्र भरा। इस मौके पर जय दयाल सरदाना ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह भी इस मुहिम का हिस्सा बने हैं तथा वह दूसरों को भी इसके प्रति जागरुक करेंगे कि मरणोपरांत अपनी आंखों को राख बनाना है या फिर इससे कोई दूसरा देख सके इसके लिए नेत्रदान से जुड़ना है।
उन्होंने कहा कि जो भी संस्थाएं इस मुहिम में लगी हुई हैं, समाज को चाहिए कि उनका सहयोग करके इस अभियान को घर-घर ले जाने में सहयोग करें। इस अवसर पर शाखा बग्गा, विजय अरोड़ा, एचके नकड़ा, तरसेम मोदगिल आदि मौजूद थे।