अध्यापकों के लिए सिर दर्दी बना ब्रिज कोर्स करने का नया आदेश

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-क्या अब तक अप्रशिक्षित अध्यापकों के सहारे चल रहा था शिक्षा विभाग ?
होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। अप्रशिक्षित शिक्षकों को डीएलएड के लिए एनआईओएस में रजिस्ट्रशन करना है। इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं कि किन्हें करना है और किसे नहीं। अप्रशिक्षित शिक्षक को 11वीं और 12वीं मैं कम से कम 50त्न अंकों के साथ पास करना जरूरी रखा गया है। वहीं अप्रशिक्षित शिक्षक जिसका 12वीं में 50 प्रतिशत से कम है। उनका 12वीं की दोबार परीक्षा देकर श्रेणी सुधार करना होगा।अप्रशिक्षित शिक्षक वहीं जो शिक्षक कक्षा पहली से 5वीं तक पढ़ाते हैं और वे बीएड किए हुए हैं। उन्हें एनआईओएस में रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन कराकर 6 महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। जो शिक्षक ओपन यूनिवर्सिटी, इग्नू या एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से 2017-18 में डीएलएड की प्रथम वर्ष की परीक्षा दे चुका है, उन्हें एनआईओएस में डीएलएड के लिए पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।

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-पंजाब स्कूल टीचर्स यूनियन ने ब्रिज कोर्स के फरमान के खिलाफ मोर्चा खोला

अब राज्य में प्राइमरी-मिडिल की कक्षाओं में पढ़ा रहे वे शिक्षक, जिन्होंने बीएड कर रखा है, छह महीने का ब्रिज कोर्स करेंगे। इसके लिए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) को जिम्मेदारी दी गई है। डीएलएड की तरह अब बीएड कर चुके शिक्षकों को प्राइमरी-मिडिल में पढ़ाने की पात्रता तभी होगी, जब वे इस ब्रिज कोर्स करें। इस संबंध में पंजाब स्कूल टीचर्स यूनियन के सचिव बलवीर सिंह ने बताया कि व्यापक स्तर पर इस फरमान के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रही है् । यूनियन के प्रवक्ता गुरमेल सिंह मिर्जापुरी ने बताया के प्राइमरी-मिडिल की कक्षाओं में पढ़ा रहे वे शिक्षक, जिन्होंने बीएड कर रखा है, छह महीने का ब्रिज कोर्स करवाने का फरमान जारी किया गया है जो के सरासर गलत है।

उन्होंने कहां के बीएड किए हुए अध्यापकों को इसके लिए अप्रशिक्षित मानना सरासर गलत बताया । वहीं विभागीय सूत्रों ने बताया कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) को जिम्मेदारी दी गई है। डीएलएड की तरह अब बीएड कर चुके शिक्षकों को प्राइमरी-मिडिल में पढ़ाने की पात्रता तभी होगी, जब वे इस ब्रिज कोर्स करेंगे। दरअसल शिक्षाविदें का कहना है कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए यह कोर्स करना बेहद जरूरी है। छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए क्या तकनीक होनी चाहिए, इसकी पढ़ाई छह माह के पाठ्यक्रम में दी जाएगी।

सरकार को अपने शिक्षा प्रणाली पर नहीं है विश्वास: बहादुर सिंह

पंजाब स्कूल टीचर यूनियन के संरक्षक बहादुर सिंह ने कहा के विभाग द्वारा लिया गया यह फैसला सरासर गलत है। जब के सरकार शिक्षा दे रहे अध्यापकों के सेमिनार पर करोड़ों रुपए खर्च हो चुकी है और अब दुबारा शिक्षित शिक्षक शिक्षिकाओं को ब्रिज कोर्स के नाम पर परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का आर्थिक शोषण भी है। इस से प्रतीत होता है कि विभाग को अपनी शिक्षा प्रणाली पर ही भरोसा नहीं है।

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