अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री जी ने लोगों का मनोरंजन करने के लिए गाने—बजाने के लिए, खिलाने—पिलाने के लिए और दीवारों पर तरह तरह की पेंटिंग करवाने के लिए बहुुत धन भी खर्च किया, समय भी लगाया पर यह सब अमृतसर शहर में नहीं हुआ, अमृतसर के बाहर सिविल लाइन और अमीरों तथा अफसरों की बस्तियों में हुआ। अमृतसर जो वास्तव में ही अमृतसर है उस पर तो कूड़े के ढेर भी लगे हैं, सीवरेज का पानी भी सडकों पर जा रहा है। शायद इसलिए जो झांकियां निकाली गईं वो रंजीत एवेन्यू से लेकर रंजीत एवेन्यू में ही बने नए लाल चौक नाम के पार्क में समाप्त हो गई। अमृतसर शहर के अंदर झांकियों को, कलाकारों को, मेहमानों को लाने का साहस न प्रशासन कर सका और न ही पंजाब सरकार।
पंजाब रंगला बने हम सब चाहते हैं। पंजाब की उन्न्ति देश की उन्नति है, पर केवल गाने बजाने वाला पंजाब न तो शहर को सुंदर बना सकता है और न ही पूरे पंजाब को। जिस शहर में बड़े—बड़े कूड़े के ढेर लगे हों, बदबू फैली हो, बदलते मौसम के साथ मच्छर भी आ गए हों, चूहों और कुत्तों का आतंक हो उस शहर के वासियों को भी रंगला पंजाब रंगला अमृतसर का उपहार दीजिए। केवल सिविल लाइन की कुछ सड़कों को गीत गानों से गूंजा कर अमृतसर या पंजाब रंगला नहीं हो सकता। वैसे भी स्कूलों—कालेजों में परीक्षाओं के दिनों में पढ़ाई लिखाई को छोड़कर कुछ संस्थाओं को सरकारी हुक्मों का पालन करने के लिए अपने विद्यार्थी और अध्यापक इन कार्यक्रमों में भेजने पड़े, यह सरकार ने बिल्कुल ही विद्यार्थियों के हित में काम नहीं किया।