कर्म योगी वह है जो कर्म को निष्काम भाव से करता हैः साध्वी बंदना भारती

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के स्थानीय गौतम नगर होशियारपुर आश्रम में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी बंदना भारती जी ने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपनी वाणी के माध्यम से कर्म योग के महत्व को विस्तार से समझाया है। उन्होंने समझाया कि कर्म योग एक उत्तम मार्ग है जो आत्मा के उत्थान और संयम का मार्ग है। भगवान का कहना है कि हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, परन्तु उसे किसी भी फल की आकांक्षा नहीं करनी चाहिए। वे कर्म को भगवान की भक्ति और सेवा के साथ करने की महत्वपूर्णता को बताते हैं।

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उन्होंने यह भी बताया कि कर्म योग द्वारा व्यक्ति अपनी मन की शांति और स्वतंत्रता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने समझाया कि कर्म योगी वह है जो कर्म को निष्काम भाव से करता है और फल की चिंता में नहीं पड़ता। इस योग के माध्यम से व्यक्ति आत्मा के उन्नति की ओर बढ़ सकता है। श्री कृष्ण के प्रवचनों ने कर्म योग को एक उच्च आदर्श के रूप में स्थापित किया और लोगों को समझाया कि सही कर्म और सही भावना के साथ जीवन योग्य बनाने में समर्थ है। अंत में उन्होंने कहा कोई भी व्यक्ति कर्म किए बिना रह नहीं सकता इसका य़ह भाव हुआ कि हमे कर्म तो करना ही है वह चाहे अच्छा हो या फिर बुरा , उस कर्म के भुगतान के लिए भी मनुष्य वाद्य है l इसलिए हमे लोगों की भलाई के लिए ही कर्म करने चाहिए।

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