नगर निगम तेरा रब्ब राखाः मंत्री के शहर में तानाशाह अधिकारी, ये जनता के सेवक हैं या जनता इनकी, तेरा क्या होगा “आप”

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार दावे तो बड़े बड़े करती नहीं थक रही तो दूसरी तरफ इसके कुछ अधिकारी एसे हैं जो सरकार की साख को बट्टा लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे तथा उन्हें लग रहा है कि उनसे ऊपर कोई नहीं है तथा वह अपनी मनमर्जी कर सकते हैं। करें भी क्यों न अधिकार व उनके पास ताकत ही इतनी है कि उन्हें किसी का डर नहीं।

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बात नगर निगम होशियारपुर की करें तो इन दिनों निगम कमिशनर काफी चर्चा में हैं और चर्चा में आने का कोई और कारण नहीं बल्कि उनके द्वारा कार्यालय के बाहर जनता से मिलने का समय तय करने संबंधी लगाई गई सूचना है। यह सूचना कुछ इस प्रकार लगाई गई है कि जैसे अधिकारी तो बहुत वयस्त है और जनता वेली। सूचना में अंकित है कि जनता से मिलने का समय 12 से 1 बजे तक है, यानि कि अगर किसी को इससे पहले या बाद में कोई काम पड़ता है या समस्या आती है तो उसे तय समय पर या अगले दिन फिर तय समय पर आकर ही भेंट करनी होगी।

लालाजी स्टैलर की चुटकी

तानाशाही का यह उदाहरण और कहीं नहीं बल्कि कैबिनेट मंत्री ब्रह्मशंकर जिंपा के शहर में स्थित नगर निगम में देखने को मिल रहा है। जिसे देख लगता ही नहीं कि ये आम आदमी पार्टी की सरकार का शासन है। एक तरफ मुख्यमंत्री यह कहते नहीं थक रहे कि अधिकारी लोगों के घर पहुंचकर काम करेंगे तो दूसरी तरफ अधिकारी की तानाशाही सरकार के दावों को खोखला साबित करने के लिए काफी है। वैसे भी इन दिनों आदर्श चुनाव आचार संहिता लगी हुई है तो इस स्थिति में अधिकारियों का जल्वा और बढ़ जाता है, क्योंकि, इन पर सरकार का अधिपत्य कम हो जाता है तथा इन दिनों में अधिकारियों को सुर वैसे भी बदले-बदले नज़र आ रहे हैं। लेकिन फिलहाल नगर निगम में अधिकारियों की कार्यप्रणाली को देखकर कयास लगाया जा सकता है कि जैसे वह आप के खिलाफ हों और जनता में सरकार का अक्स सुधारने की बजाए उसे बिगा… रहे हैं। कुछ दिन पहले भी लालाजी स्टैलर की चुटकी में भी हमने आपको बताया था कि निगम के अधिकारियों को ठेकेदारों एवं तथाकथित वशिष्ट लोगों से मिलने में तो कोई आपत्ति नहीं लेकिन आम जनता के साथ इनका रवैया ठीक न होने के चलते आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बात की भी चर्चा है कि अधिकारियों की कार्यप्रणाली से विरोधी पार्टियां काफी खुश हैं और उनका प्रयास है कि यह अधिकारी एसे ही कार्य करते रहें ताकि लोकसभा चुनाव में लोगों का गुस्सा आप पर फूटे तथा वह उसके खिलाफ वोट करें। देखा गया है कि अधिकारी के आने के बाद नगर निगम में कार्यप्रणाली में तो कोई नाममात्र ही सुधार हुआ, लेकिन उनके द्वारा अपनी सुख सुविधा के लिए कई नियम बना दिए गए तथा कुछेक अधिकारी भी उनकी जी हजूरी में लगे रहते हैं, जिसे लेकर भी चर्चाएं काफी हैं, खैर उनके बारे में बात फिर कभी करेंगे।

प्रदेश में आप की सरकार आने पर कई अधिकारियों ने कार्यालय के बाहर लिख कर लगा दिया था कि मोबाइल फोन लेकर आना मना है तथा इस संबंधी बबाल उठने पर अधिकारियों ने इस तख्ती को हटा लिया था। लेकिन आज भी कई अधिकारियों को उनसे मिलने वालों को हाथ या जेब में पड़े मोबाइल से काफी दिक्कत होती है तथा उनके गार्ड या सेवादार लोगों को मोबाइल फोन स्विच आफ करने या बाहर रखने की नसीहत देते देखे जा सकते हैं। लेकिन जनता के सेवक द्वारा जनता के लिए समय निश्चित करने की काफी चर्चा हो रही है, जिसे लेकर लोग आप सरकार पर कसीदे कसते हुए खूब ठहाके लगा रहे हैं।

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