नाईस कम्पयूटरज़ मना रहा ऐजूकेशनल एक्सीलेंस की 27वीं वर्षगांठ

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। बदलते दौर में नारी के बदलते परिवेश व अपने संस्थान के गौरवशाली 27 वर्ष की अनगिनित उपलब्धियों का जश्न मनाते हुए नाईस कम्पयूटरज़ होशियारपुर में एक खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सैंटर संचालिका व विख्यात कैरियर काउन्सलर स्वीन सैनी की अध्यक्षता में इस अवसर पर संस्थान की छात्राओं व महिला टेऊनरज़ को नारी की वर्तमान सोच व सपनों को लेकर पारिवारिक व सामाजिक अड़चनों व सहयोग पर अपने विचार रखने को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी बदलाव का सबसे सटीक ज़रिया है और उनकी सोच और भावनाओं को सही दिषा देना ही नाईस के हर इवेन्ट का मकसद होता है। यह सेशन भी खास इसलिये था क्योंकि इसमें महिलाओं की ओर से अपने लिये सशक्तिकरण को लेकर कोई उबाऊ भाषण नहीं रखे गये और ना ही किताबी बातें की गई। बल्कि समाज की वर्तमान सरंचना को देखते हुए इसका सारा कार्यभार लडक़ों को दिया गया।

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स्वीन सैनी ने बताया कि छात्रों को नारी अस्तित्व के सम्मान, उसकी गरिमा व उसकी अहमियत पर और पुरूड्ढों की उनके प्रति मानसिकता के वर्तमान नकारात्मक पहलूओं पर खुलकर बात करने का हौंसला दिया गया। मीता ने एक बेटी होने के नाते परिवार को बेटे व बेटी के सपनों को बराबर सींचने व अहमियत देने की अपील की तो सिमरन और करनवीर ने इसके लिये पूरे समाज के खिलाफ जाकर सहयोग के लिये अपनी मां को धन्यवाद किया। सोनिया, भारती, परमजीत व तमन्ना के रंगारंग पंजाबी डांस के बाद संयुक्त परिवार में नारी की अनेकों जिम्मेवारियों व उलझनों के बीच पुरूषों के अहम योगदान पर परवीन ने रोशनी डाली।

-स्व-बदलाव की ताकत से करेंगें नये समाज की संरचना : नाईस कैंपस में महिला दिवस पर लडक़ों ने लिया प्रण

संस्थान में डी.सी.ए कर रहे सरबजीत ने जब अपने गीतों के ज़रिये पारिवारिक जि़म्मेवारियों और हर दिन आने वाली चुनौतियों की जंग जीतती मां और कोख में मारी जाने वाली बेटियों की चीत्कार का बुलन्द आवाज़ में जि़क्र किया। हर उम्र की लड़कियों व महिलाओं के लिये घर से बाहर असुरक्षा के माहौल पर गुस्सा भी फूटा तो षिखा ने उससे निपटने के लिए हिम्मत, तरीकों व कौषल पर दबंग बात की। वरूण चौधरी ने पक्ष रखा कि सबको यकीन होना चाहिये कि हर स्त्री का अपना स्वतन्त्र व्यक्तित्व है जिसको अपना जीवन अपने ढंग से जीने का हक है और षादी के बाद उसके साथी को उसके पक्ष में खड़े रहने की ज़रूरत है।

अर्जुन के अनुसार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे दकियानूसी नारे मायने नहीं रखते जब तक बेटों को उनकी इज़्ज़त व सुरक्षा की तमीज़ न दी जाये। उन्होंने स्त्रियों के प्रति कोई भी अपराध या अत्याचार करने वाले को सख्त सज़ा का कानून ही नहीं इस पर अमल करने का हक लागू होने की हर एक ने वकालत की, फिर भले ही वो बाहरी हो या पारिवारिक सदस्य। गुरप्रीत व रणदीप ने अपने गीतों के ज़रिये अपने जीवने में महिलाओं के योगदान के लिए आभार प्रकट किया।

हरदीप कौर ने उत्साहपूर्वक अपने मन की आषा बताई कि वह एक अच्छे ओहदे पर पहुंचकर वो योग्य मगर गरीब छात्राओं को पढाकर व स्वावलम्बी बनाने में जुट जायेंगी और खुद सक्षम होकर दूसरों को प्रेरित करने के यथासम्भव प्रयास करेंगी। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में स्वीन सैनी ने कहा कि यह सच है कि काबलियत व प्रयासों के बावजूद भी अपने अधिकारों व सम्मान की लड़ाई अभी भी जारी है। और जहां किसी भी रिष्ते में बंधे बदलती विचारधारा के साथ सुलझे विचारों व सषक्त सोच वाले पुरूष अगर आगे आकर औरत के गुणों, प्रतिभा व उपलब्धियों को मान देते हैं, स्वीकारते हैं तो उन्हें समाज व परिवार द्वारा दब्बू समझकर दीनता का अहसास दिलाने का हर मुमकिन प्रयास किया जाता है जिसमें अधिकतर महिला वर्ग ही शामिल रहता है।

मेरी नजऱ में सबसे बड़ा कारण यही है कि अपने परिवार, समाज या कार्यक्षेत्र में सबसे अधिक योगदान देकर अपेक्षाओं से बढक़र परिणाम देने वाली नारी की विडम्बना ज्यों की त्यों है क्योंकि पारिवारिक व सामाजिक स्तर पर अपनी ही स्त्री जाति से उसे सहयोग व मनोबल नहीं मिल पाता तो पुरूषों के बराबर का दर्जा तो उसे कैसे मिल पायेगा? उन्होंने युवा लड़कियों से भी आग्रह किया कि परिवार से मिल रही आज़ादी, लाड, भरोसा व ऐम्पावरमेन्ट का नाज़ायज़ फायदा ना उठाकर अपनी प्राथमिकतायें तय हों और कदम सही दिषा में हों तो यकीन मानिये बराबरी के हक पाकर अपना एक वजूद बनाने से कोई नहीं रोक पायेगा।

सेंटर डायरेक्टर प्रेम सैनी ने नाईस के गौरवषाली 27 सालों के सफर, संघड्र्ढ, अपने सपनों को पूरा करने की जि़द और उसमें अपने जीवन की खास महिला, हमसफर स्वीन सैनी के मेहनत भरे साथ व बलिदानों की जब दास्तां सांझी की तो युवाओं के रोंगटे खड़े हो गये। नाईस मैनेजमेन्ट ने 27 सालों के दौरान साथ चलने वाले हर टीम मेम्बर व सभी पुराने स्टूडेन्टस को याद कर उनका धन्यवाद किया। इस समारोह का समापन हिमांषु व रणदीप के भंगड़े से हुआ।

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