होशियारपुर/मुकेरियां (द स्टैलर न्यूज़)। कहने को तो भारत बेशक आजाद हो गया है किन्तु हम भारतीय अभी तक भी गुलाम हैं। आज गुलामी का रूप बदल गया है तथा गुलाम बनाने वालों का चेहरा भी। आज हम भ्रष्टाचार की गुलामी में जकड़े हुए हैं। 23 मार्च के दिन शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को याद करते हुए आर.ई.आर.सी. संघ प्रमुख विजय राणा ने कहा कि देश को एक बार फिर से भगत सिंह जैसे बलिदानियों को जरूरत महसूस होने लगी है।
आज हम जिधर भी नजर घुमाएं उधर भ्रष्टाचार नजऱ आता है। प्राइवेट स्कूलों में फीस का मामला हो या सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के गिरते हुए स्तर का, प्राइवेट अस्पतालों में महंगे ईलाज का मामला हो या सरकारी अस्पतालों में डाक्टर्स तथा सुविधाओं के अभाव का, देश की कमजोर व्यवस्था ने योग्यता को आरक्षण ने गुलाम बना रखा है। देश मे अलगाववादी ताकतें बेखौफ घूम रही हैं। आतंकवादी को मारने वाले सैनिकों पर मुकदमे चलाए जा रहे हैं। फिर भी देश की फिक्र छोड़ हमारे राजनेता अपनी कुर्सियां बचाने के लिए जातिगत समीकरणों पर ध्यान देकर अपना वोट बैंक सुनिश्चित करने में व्यस्त हैं।
ऐसे में देश की फिक्र करने वाले देशभक्त नेताओं को तथा आम भारतीयों की आवाज़ को या तो दबाने या फिर कुचलने की पूरी कोशिश की जाती है। उन्होंने कहा कि एक सरकार आती है दूसरी विपक्ष में बैठ कर उसकी कमियां निकालती है। जब हम लोग दूसरी पार्टी को सत्ता सौंपते हैं तो वो भी पहली की तरह अंधी, गूंगी तथा बहरी बन के 5 साल के लिए सत्ता का सुख भोगने में व्यस्त हो जाती है। राम, रहीम तथा गोविंद के इस देश मे फैली आजरकता का नाश करने के लिए जाने कब कोई बन्दा बहादुर जन्म लेगा। जाने कब माताएं भगत सिंह जैसे शेरों को जन्म देगीं। युवाओं से आह्वान करते हुए विजय राणा ने उन्हें हालात को समझने तथा देश हित के लिए सही फैसले लेने को कहा।