होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। भारत संसार के देशों में एक ऐसा विचित्र देश है, जिसमें शताब्दियों से ऋषियों, मुनियों, महापुरुषों और संत-महात्माओं का अवतार होता रहा है। इस लेख में यदि हम इन महापुरुषों का वर्णन करना चाहें तो असम्भव है। 19वीं शताब्दी में आगरा की पन्ना गली में स्वामी जी महाराज का अवतार हुआ। गुरु मुख शिष्य राय बहादुर सालिगराम जी साहिब ने राधा स्वामी नाम को प्रकट करके इस कलयुग में जीवन को आनंदमय और बिना किसी भेदभाव के मावन जीवन गुजारते हुए मोक्ष का मार्ग दर्शाया। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके शिष्य महर्षि शिवव्रत लाल जी महाराज ने लगभग 4 हजार पुस्तकें लिखकर सभी धर्मों का मंडन करते हुए भ्रातृ-भाव और प्रेम का जीवन व्यतीत करने का संदेश दिया।
उनके प्रमुख शिष्य श्रेद्धय बाबा पंडित फकीर चंद जी महाराज ने आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन की घटनाओं का अनुभव करते हुए मानव एकता का प्रसार करने के लिए होशियारपुर में मानवता मंदिर की स्थापना की तथा बैसाखी के दिन एक वार्षिक सत्संग सम्मेलन का शुभारंभ किया। जिसके अनुसार हर वर्ष यह संत सम्मेलन बड़ी श्रद्धा और प्रेम से मनाया जाता है। वर्ष 2018 का बैसाखी पर्व हर्षोल्लास से मानवता मंदिर के प्रांगण में मनाया जा रहा है। जिसमें देश के भिन्न-भिन्न प्रांतों और विदेशों से सत्संगी अपने जीवन को सुखमय गुजारने का साधन प्राप्त करने के लिए आते हैं। यह पर्व कोई मेला न होते हुए जीवन के तथ्यों को ग्रहण करने का अमूल्य अवसर प्रदान करता है। बाहर से आने वाले सब सत्संगी भाई-बहनों के ठहरने और भोजन का प्रबंध फकीर लाइब्रेरी चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा सराहनीय ढंग से किया जाता है।
इस पर्व के चार सत्संगों में अन्य महापुरुषों के साथ-साथ दयाल कमल जी महाराज जिन्होंने 26 साल तक पदम दयाल पंडित फकीर चंद जी महाराज के श्री चरणों में बचपन से लेकर जीवन व्यतीत किया, अपने जीवन के अनुभवों का वर्णन करते हुए सत्संगियों का मार्ग दर्शन करेंगे। अतं: व्यक्ति रुप से भी सत्संगियों के गूढ़ प्रश्नों का उत्तर देंगे। इस मौके पर प्रबंधक कमेटी फकीर लाइब्रेरी चैरीटेबल ट्रस्ट के प्रधान ब्रह्मशंकर जिम्पा ने बताया कि आचार्या कुलदीप शर्मा एवं आचार्या अरविंद पराशर जी के आशीर्वाद से कमेटी सचिव राणा रणवीर सिंह, ट्रस्टी विजय डोगरा, विपिन जैन, रणजीत कुमार, धीरज शर्मा, अमरजीत सिंह, पी.पी. मल्हन, डा. के.के. शर्मा आदि सभी ट्रस्टी आए हुए सत्संगियों की सेवा में तत्पर हैं।