अपनी जमीन से पेड़ न काटने देने का लगाया आरोप: बी.डी.पी.ओ. ने कहा, पंचायत की है जमीन

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वर्ष 1990 में बेहतरीन सेवाओं के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. ज्ञानी जैल सिंह द्वारा सम्मानित किए जा चुके पूर्व असिस्टैंट कमांडैंट बुजुर्ग किशोर चंद का कहना है कि राजनीतिक दवाब के चलते उन्हें अपने ही फॉर्म हाऊस में लगे पॉपुलर के पेड़ बिना नोटिस दिए काटने से रोका जा रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी राजनेता के प्रभाव में काम कर रहे हैं, जबकि उनका खुद का राजनीति से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। उक्त जानकारी उन्होंने प्रैस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि करीब 25 साल पहले उन्होंने ढोलवाहा में 12 कनाल भूमि खरीदी थी और वहां पर छोटा सा फार्म बनाया था। सेवानिवृत्ति के बाद से वह अपने गांव जनौड़ी में रह रहे हैं और उन्हें किसी न किसी तरीके से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय उनकी आयु 79 वर्ष है तथा वे राजनेताओं और अधिकारियों से लडऩे की ताकत नहीं रखते, मगर वे एक फौजी हैं और वे हार नहीं मान सकते, इसलिए वे हिम्मत बांधते हुए इस लड़ाई को जरुर लड़ेंगे।

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किशोर चंद ने बताया कि 13 अप्रैल को जब वह अपने खेतों से पापुलर के पेड़ कटवाने लगे तो बी.डी.पी.ओ. भूंगा कार्यालय से वहां पर 4 कर्मचारी आ गए और उन्होंने पेड़ों की कटाई का काम रोक दिया। पूछने पर उसे कार्यालय आने की बात कही गई। जब वह कार्यालय पहुंचे तो वहां पर काफी देर बिठाये रखा गया और किसी ने उनकी बात न सुनी। इसके बाद वहां मौजूद कर्मियों ने कहा कि वे अपना बयान लिखा जाए। इसके बाद जब वह फिर पेड़ कटवाने लगे तो बी.डी.पी.ओ. कार्यालय व थाना हरियाना से पहुंची पुलिस ने कां को पुन: रुकवा दिया। कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऊपर से आदेश है कि पेड़ों की कटाई न होने दी जाए। उन्होंने बताया कि वे हार मानने वालों में से नहीं हैं तथा इसके लिए वह कानून का दरवाजा खटखटाएंगे।

इस संबंध में बात करने पर बी.डी.पी.ओ.परमजीत सिंह से बताया कि जमीन पर मालिकाना हक पंचायत का है तथा पंचायत की जमीन से कोई पेड़ कैसे काट सकता है। उन्होंने बताया कि इस संबंधी केस अदामत में चल रहा है तथा निचली अदालत का फैसला पंचायत के हक में आया है व अभी भी फैसला अदालत में विचाराधीन है। राजनीतिक दवाब की बात पूछे जाने पर उन्होंने साफ इंकार करते हुए कहा कि इसमें किसी तरह का कोई दवाब नहीं है, कानून के दायरे में सारी कार्रवाई की जा रही है।

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